लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ‘विकसित भारत’ के लिए युवाओं के सही मार्गदर्शन और सामाजिक संगठनों की भूमिका पर जोर दिया

बिरला ने कहा कि जैन समुदाय ने अपनी नैतिकता और आध्यात्मिक आस्था के कारण राष्ट्र में एक महत्वपूर्ण स्थान स्थापित किया है, चाहे वह व्यापार, उद्योग, सामाजिक क्षेत्र, शहरी राजनीति, प्रौद्योगिकी और विज्ञान, समाज सेवा या सरकारी सेवा में हो।

Om Birla Stresses Youth Guidance, Social Organizations' Role in Building 'Viksit Bharat
Om Birla Stresses Youth Guidance, Social Organizations' Role in Building 'Viksit Bharat

गुरुग्राम, हरियाणा: लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज गुरुग्राम में जैन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संगठन (JITO) द्वारा आयोजित “JITEM युवा सम्मेलन 2025” को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि 2047 तक विकसित भारत की यात्रा में भारतीय युवाओं के लिए सही मार्गदर्शन, तकनीकी सहायता और नीति-निर्माण की आवश्यकता है। इस संबंध में, लोकसभा अध्यक्ष ने समाज और राष्ट्र के समग्र विकास में सामाजिक संगठनों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।

बिरला ने कहा कि “अंत्योदय” (अंतिम व्यक्ति का उत्थान) की भावना को साकार करना और यह सुनिश्चित करना एक साझा ज़िम्मेदारी है कि समाज का कोई भी व्यक्ति प्रगति की दौड़ में पीछे न छूटे। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में जैन समुदाय के प्रयास प्रेरणादायक और अनुकरणीय हैं।

बिरला ने कहा कि भारत के युवा न केवल संख्या में, बल्कि दृढ़ संकल्प के संदर्भ में भी विशाल हैं। उनमें बदलाव का जुनून, भविष्य को आकार देने की क्षमता और राष्ट्र निर्माण का उत्साह है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि युवा अब केवल रोजगार चाहने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले भी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया और ग्रीन एनर्जी मिशन जैसे अभियानों ने उनकी ऊर्जा को सकारात्मक दिशा दी है।

बिरला ने JITO की सराहना करते हुए कहा कि यह केवल व्यापार और व्यवसाय के लिए एक सामुदायिक संगठन नहीं है, बल्कि एक ऐसी संस्था है जहां व्यापार, नवाचार, जैन सिद्धांत, जैन विचार, जैन संतों की शिक्षाएं और भगवान महावीर के दर्शन एक साथ मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि JITO एक ऐसा मंच है जहां नई तकनीक, विचार और नवाचार साझा किए जाते हैं, और यह संगठन इस दिशा में एक मिसाल कायम कर रहा है। उन्होंने बताया कि आर्थिक, शैक्षिक और सेवा-उन्मुख गतिविधियों के माध्यम से, JITO न केवल जैन समुदाय को सशक्त बना रहा है, बल्कि भारत के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

बिरला ने कहा कि जैन समुदाय ने अपनी नैतिकता और आध्यात्मिक आस्था के कारण राष्ट्र में एक महत्वपूर्ण स्थान स्थापित किया है, चाहे वह व्यापार, उद्योग, सामाजिक क्षेत्र, शहरी राजनीति, प्रौद्योगिकी और विज्ञान, समाज सेवा या सरकारी सेवा में हो। उन्होंने कहा कि न केवल भारत में, बल्कि कई अन्य देशों में भी, जैन समुदाय ने प्रगति, समृद्धि और खुशहाली में योगदान दिया है। बिरला ने बताया कि नैतिक विचार, सामाजिक सहयोग, समर्पण, सेवा, त्याग, वैश्विक शांति और सद्भावना जैन समुदाय के मूल सिद्धांत हैं।

बिरला ने अपने संबोधन में भारतीय लोकतंत्र की मजबूती पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र केवल स्वतंत्रता के बाद की घटना नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र के कार्य-आचार, संस्कृति, आचरण, आध्यात्मिक मान्यताओं और समाज के सामूहिक कल्याण में गहराई से समाया हुआ है। बिरला ने स्मरण कराया कि स्वतंत्रता के समय, कई देशों का मानना था कि भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण राष्ट्र में लोकतंत्र सफल नहीं होगा, लेकिन भारत ने उन्हें गलत साबित कर दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र में हमेशा से ही विचार-विमर्श, सामाजिक प्रयास और संकट के समय सामूहिक संकल्प की संस्कृति रही है, जो राष्ट्र को एकजुट होकर चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाती है।

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