ढाका: बांग्लादेश में हिंसा और अस्थिरता का दौर एक बार फिर तेज हो गया है। राजधानी ढाका समेत कई शहरों में धमाके और आगजनी की घटनाएँ हुई हैं, जिससे खासतौर पर ढाका में तनाव बढ़ गया है। यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है, जब पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) छात्रों के प्रदर्शन पर कार्रवाई के मामले में फैसला सुनाने जा रहा है। इस मामले में दोषी ठहराए जाने पर हसीना को मौत की सजा तक हो सकती है। फैसले से पहले मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने देशभर में सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा है और प्रदर्शनकारियों को गोली मारने के आदेश दिए गए हैं।
हसीना ने जारी किया ऑडियो संदेश
भारत में निर्वासन में रह रहीं 78 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने खिलाफ फैसला आने से पहले रविवार रात को सोशल मीडिया पर ऑडियो संदेश जारी किया है। हसीना ने अपनी पार्टी अवामी लीग के समर्थकों से सरकारी प्रतिबंध के बावजूद विरोध प्रदर्शन जारी रखने के लिए कहा है। उन्होंने समर्थकों से कहा कि डरने की कोई बात नहीं है क्योंकि “मैं जिंदा रहूँगी और लोगों के लिए लड़ूँगी।”
‘मुकदमा अवैध और आरोप झूठे’
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन पर कार्रवाई के लिए मानवता के विरुद्ध अपराध के आरोप लगे हैं और उनके खिलाफ ढाका में मुकदमा चल रहा है। हालांकि अगस्त, 2024 से भारत में निर्वासन में रह रहीं हसीना ने इस मुकदमे को पूरी तरह खारिज कर दिया है। हसीना ने कहा है कि उन पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं और यह मुकदमा अवैध है।
शेख हसीना ने लगातार यह कहा है कि बीते साल जुलाई में ढाका में हुई अशांति के दौरान उन्होंने किसी पर गोली चलाने या हत्या करने का आदेश नहीं दिया था। इसके विपरीत, उन्होंने आरोप लगाया कि हिंसा की साजिश यूनुस के वफादार सुरक्षाबलों ने रची थी। हसीना ने कहा, “मैंने किसी को मारने का आदेश नहीं दिया। हिंसा फैलाने और लोगों को मारने के आदेश मोहम्मद यूनुस की ओर से आए थे।”
ढाका में विस्फोटों की श्रृंखला
बांग्लादेश की राजधानी ढाका और दूसरे शहरों में बीते कुछ दिनों में देसी बम विस्फोटों और वाहनों में आग लगाने की घटनाएँ हुई हैं। इस कड़ी में रविवार देर रात अंतरिम सरकारी सलाहकार सैयदा रिजवाना हसन के आवास के बाहर दो देसी बम फटे। रविवार को एक विस्फोट कारवाँ बाजार इलाके में भी हुआ, जिससे किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
ढाका में एक पुलिस स्टेशन परिसर में खड़ी बसों और कचरा डंपिंग स्थल को निशाना बनाकर भी आगजनी की गई। मेट्रोपॉलिटन पुलिस आयुक्त एसएम सजात अली ने सुरक्षाबलों को हिंसा करने वाले प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दिया है। हिंसा और पुलिस के इस कड़े रुख से यह अंदेशा जताया जा रहा है कि हसीना के खिलाफ फैसले से देश में राजनीतिक अराजकता बढ़ सकती है।
