Russia Ukraine War: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कैबिनेट की बैठक में यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध को “बड़ी झंझट” बताया। उन्होंने कहा कि यह युद्ध लगभग चार साल से चल रहा है और इसे खत्म करना उतना आसान नहीं है, जितना लोग सोचते हैं। ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि वे इस युद्ध को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन अब तक उनकी कोशिशों से कोई समझौता या समाधान सामने नहीं आया है।
ट्रंप ने इससे पहले अलास्का में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से भी बातचीत की थी, लेकिन इनके बाद भी स्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ।
इसी बीच मंगलवार को ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ़ और उनके दामाद जैरेड कुशनर ने मॉस्को में पुतिन से मुलाकात की। इस बैठक में युद्ध रोकने और शांति की संभावना पर बात हुई। लेकिन मुलाकात से पहले ही पुतिन ने यूरोपीय देशों पर आरोप लगाया कि वे ऐसे प्रस्ताव दे रहे हैं जो रूस के लिए बिल्कुल स्वीकार करने योग्य नहीं हैं और उनका उद्देश्य ट्रंप की शांति कोशिशों को रोकना है।
⚡ President Vladimir Putin receives US President’s Special Envoy Steve Witkoff.
— Russian Embassy, UK (@RussianEmbassy) December 2, 2025
On the Russian side, the meeting is also attended by Presidential Aide Yury Ushakov & Special Presidential Representative for Investment & Economic Cooperation with Foreign Countries Kirill Dmitriev pic.twitter.com/Q8HLdkGguK
पुतिन ने यूरोप को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यूरोप रूस से युद्ध करने की कोशिश करेगा तो उसे “तेजी और पूरी तरह” हार का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर यूक्रेन ने ब्लैक सी में रूस के जहाजों पर ड्रोन हमला जारी रखा तो रूस यूक्रेन का समुद्री रास्ता पूरी तरह बंद कर देगा। यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा ने कहा कि पुतिन के बयान से साफ है कि रूस शांति नहीं चाहता।
फिलहाल रूस यूक्रेन के करीब 19 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा किए हुए है। पिछले कुछ सालों की तुलना में 2025 में रूस की बढ़त थोड़ी तेज हुई है, लेकिन वह पूरा यूक्रेन कब्जा नहीं कर पाया है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने डबलिन में कहा कि युद्ध का असली समाधान मॉस्को में होने वाली बातचीत से तय होगा। उन्होंने कहा, “कोई आसान समाधान नहीं होगा। सबकुछ साफ और खुले तौर पर होना चाहिए। हम अपने पीठ पीछे कोई समझौता स्वीकार नहीं करेंगे।”
