यूक्रेन पर पुतिन की चेतावनी: ‘बातचीत से हल नहीं निकला, तो हथियारों से करेंगे जंग खत्म’

पुतिन ने अंत में स्पष्ट किया कि अगर संभव हुआ तो वह जंग को शांति से हल करना पसंद करेंगे, लेकिन रूस अपने दावों से पीछे नहीं हटेगा। इसमें चार यूक्रेनी इलाकों पर कब्ज़े का दावा भी शामिल है, जिन्हें कीव और पश्चिमी देश “ग़ैरकानूनी कब्ज़ा” करार देते आए हैं।

Putin warns Ukraine: 'No diplomatic solution, we will end the war with weapons'
Putin warns Ukraine: 'No diplomatic solution, we will end the war with weapons'

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक नया संकेत दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर समझदारी से काम लिया जाए तो बातचीत के ज़रिए संघर्ष को समाप्त करने का अभी भी अवसर मौजूद है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी भी दी कि अगर वार्ता सफल नहीं हुई, तो मॉस्को ‘हथियारों के बल पर’ इस जंग को खत्म करने के लिए मजबूर होगा।

बीजिंग में चीन के साथ एक नई गैस पाइपलाइन समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद प्रेस से बातचीत में पुतिन ने कहा कि उन्हें “सुरंग के अंत में एक रोशनी” नज़र आ रही है। उन्होंने साफ किया कि यदि व्यावहारिक ढंग से कदम बढ़ाए जाएं, तो एक स्वीकार्य समाधान संभव है। लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ तो रूस को अपने सामने मौजूद चुनौतियों का सामना बलपूर्वक करना पड़ेगा।

हालांकि पुतिन ने बातचीत की संभावना जताई, मगर रूस की पुरानी शर्तों में कोई नरमी नहीं दिखाई। इनमें यूक्रेन द्वारा NATO में शामिल होने का इरादा छोड़ना और रूसी भाषी लोगों के खिलाफ मॉस्को के मुताबिक हो रहे भेदभाव को समाप्त करना शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि वह मॉस्को में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात के लिए तैयार हैं, लेकिन केवल तभी जब वार्ता “ठोस नतीजे” दे।

दूसरी ओर, यूक्रेन ने मॉस्को को बातचीत की जगह के रूप में अस्वीकार कर दिया है और विदेश मंत्री ने इसे अनुचित करार दिया। ज़ेलेंस्की लगातार अमेरिका और यूरोपीय सहयोगियों से रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं। साथ ही, उन्होंने पुतिन के साथ सीधी बातचीत पर भी ज़ोर दिया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद को शांति का मध्यस्थ बताते हुए वार्ता को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर कूटनीतिक प्रयास असफल रहे तो रूस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

पुतिन ने अंत में स्पष्ट किया कि अगर संभव हुआ तो वह जंग को शांति से हल करना पसंद करेंगे, लेकिन रूस अपने दावों से पीछे नहीं हटेगा। इसमें चार यूक्रेनी इलाकों पर कब्ज़े का दावा भी शामिल है, जिन्हें कीव और पश्चिमी देश “ग़ैरकानूनी कब्ज़ा” करार देते आए हैं।

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