इस्लामाबाद: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना की कार्रवाई पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को लेकर पाकिस्तानी सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार स्काई न्यूज के इंटरव्यू में गिड़गिड़ाते नजर आए। भारतीय हमले पर अपना पक्ष रखने की कोशिश में तरार ने भारत पर अनर्गल आरोप लगाए, लेकिन उन्हें एंकर यल्दा हकीम द्वारा करारा जवाब मिला।
तरार ने दावा किया कि पाकिस्तान में कोई आतंकी शिविर नहीं हैं और उनका देश हमेशा पश्चिमी सीमा पर आतंकियों से लड़ाई करता रहा है। लेकिन एंकर ने उन्हें पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हालिया बयान की याद दिलाते हुए कहा कि एक सप्ताह पहले ही ख्वाजा आसिफ ने इस शो में स्वीकार किया था कि पाकिस्तान दशकों से आतंकी गुटों को समर्थन, फंडिंग और प्रशिक्षण दे रहा है। इसके अलावा, पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ, पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और बिलावल भुट्टो ने भी सार्वजनिक रूप से इस नीति को स्वीकार किया था।
एंकर ने कहा, “2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान की सैन्य सहायता यह कहते हुए बंद कर दी थी कि पाकिस्तान आतंकियों को आश्रय दे रहा है। ऐसे में ‘पाकिस्तान में कोई आतंकी कैंप नहीं हैं’ कहना आपके ही वरिष्ठ नेताओं के बयानों के विपरीत है।”
तरार ने जवाब में कहा, “हमारे यहां कोई आतंकी शिविर नहीं हैं, हम खुद आतंकवाद के सबसे बड़े शिकार हैं। हमने आतंकवाद के खिलाफ जंग में 90,000 जानें गंवाई हैं। आज भी बलूचिस्तान और अन्य इलाकों में हमारे जवान शहीद हो रहे हैं।”
तरार ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ फ्रंटलाइन स्टेट है और वह हमेशा पश्चिमी सीमा पर आतंकियों से लड़ा है।
एंकर ने फिर पाकिस्तान की पुरानी इतिहास की याद दिलाते हुए कहा, “मैंने पाकिस्तान का दौरा किया है और हम जानते हैं कि ओसामा बिन लादेन भी पाकिस्तान के एबटाबाद में पाया गया था।”
इंटरव्यू के दौरान, जब एंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले का जिक्र किया, तो तरार ने भारत पर सबूत की कमी का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत ने जांच का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया और सीधे हमला कर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान जांच के लिए तैयार था और यूएन व अन्य देशों को शामिल करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन भारत ने इसका विरोध किया।
