पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के संस्थापक इमरान खान को जेल में उनके परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा है। पिछले कई हफ्तों से उनके परिवार का दावा है कि उन्हें मिलने की अनुमति नहीं दी गई है। इस स्थिति को लेकर न सिर्फ उनके समर्थकों की चिंता बढ़ रही है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सवाल उठ रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान सरकार ने अब तक इस फैसले की कोई स्पष्ट वजह सामने नहीं रखी है।
इसी बीच इमरान खान की बहन नूरीन नियाजी ने बेहद कड़े शब्दों में सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि अगर इमरान खान को तनिक भी नुकसान पहुंचा, तो पाकिस्तान की सड़कों पर हालात बेहद खराब हो सकते हैं। नूरीन के अनुसार लोग इमरान का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं और उनके साथ किसी भी तरह की हिंसा या गलत व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नूरीन नियाजी ने कहा कि उनका भाई पूरी तरह स्वस्थ है, लेकिन जिस तरह से उन्हें अलग रखा गया है और परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा, वह खुद एक तरह की मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना है। उनके अनुसार जेल प्रशासन के नियमों के खिलाफ जाकर इमरान खान को एकांतवास में रखा गया है और यह खुद कानून का उल्लंघन है।
इमरान खान की पार्टी के समर्थक लगातार आदियाला जेल के बाहर इकट्ठा हो रहे हैं, जहाँ उन्हें बंद रखा गया है। नूरीन का दावा है कि इमरान खान किसी का डर नहीं रखते और पूरे पाकिस्तान में लोग उनका समर्थन कर रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार और सेना इस स्थिति को गंभीरता से समझे, क्योंकि इमरान खान के साथ किसी भी प्रकार की साजिश या नुकसान की कोशिश जनता के गुस्से को और भड़का सकती है।
पाकिस्तान के मौजूदा आर्मी चीफ आसीम मुनीर पर भी उन्होंने टिप्पणी की और कहा कि सत्ता किसके हाथ में है, यह फैसला जनता करती है, न कि कोई व्यक्ति। उन्होंने कहा कि चाहे किसी की कुर्सी कितनी ही मजबूत क्यों न लगे, अल्लाह से ज्यादा ताकतवर कोई नहीं है। नूरीन के अनुसार पाकिस्तान की न्याय व्यवस्था एक कठिन दौर से गुजर रही है और कई फैसले राजनीतिक दबाव में लिए जा रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी भी उम्मीद है कि न्याय होगा और इमरान खान को इंसाफ मिलेगा।
इमरान खान के परिवार का कहना है कि पिछले एक महीने से उन्हें मुलाकात का मौका नहीं दिया गया। उनकी दूसरी बहन अलीमा खान ने जेल प्रशासन के खिलाफ अदालत में याचिका दाखिल की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि जेल अधिकारी जानबूझकर मुलाकात रोक रहे हैं। वहीं, इमरान के समर्थकों का कहना है कि सरकार और सेना उनकी राजनीतिक ताकत और लोकप्रियता से डर रही है।
इस पूरे विवाद के बीच पाकिस्तान में राजनीतिक हलचल लगातार तेज हो रही है। इमरान खान की गिरफ्तारी पहले ही देश में सत्ता संघर्ष की बड़ी वजह बन चुकी है और अब परिवार एवं समर्थकों द्वारा उठाए गए सवालों ने इस विवाद को और गर्म कर दिया है। आने वाले दिनों में अदालत और सरकार का अगला कदम पाकिस्तान की राजनीतिक दिशा तय करने में अहम साबित हो सकता है।
