मोहम्मद यूनुस का ‘असली चेहरा’ बेनकाब! पाक जनरल को सौंपे नक्शे में भारत के 7 पूर्वोत्तर राज्य बांग्लादेश में दिखाए

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्ते धीरे-धीरे सुधर रहे हैं। 1971 के मुक्ति संग्राम के बाद दोनों देशों के रिश्ते हमेशा तनावपूर्ण रहे हैं। शेख हसीना सरकार के हटने के बाद अगस्त 2024 में यूनुस ने अंतरिम सत्ता संभाली थी।

Mohammad Yunus Stirs Controversy Again — Depicts India’s Northeast as Bangladesh Territory
Mohammad Yunus Stirs Controversy Again — Depicts India’s Northeast as Bangladesh Territory

Mohammad Yunus Greater Bangladesh Map: बांग्लादेश के अंतरिम प्रमुख मोहम्मद यूनुस लगातार अपने भारत विरोधी कदमों को लेकर चर्चा में हैं। हाल ही में ढाका में हुई एक घटना ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी जनरल साहिर शमशाद मिर्ज़ा की बांग्लादेश यात्रा के दौरान, यूनुस ने उन्हें एक किताब भेंट की, जिसके कवर पर छपे नक्शे में भारत के सातों पूर्वोत्तर राज्यों (असम से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक) को बांग्लादेश का हिस्सा दिखाया गया है।

‘ग्रेटर बांग्लादेश’ की मांग को हवा

कहा जा रहा है कि यह विवादित नक्शा उन इस्लामिक चरमपंथी समूहों की पुरानी मांग से मेल खाता है, जो “ग्रेटर बांग्लादेश” (बड़े बांग्लादेश) की अवधारणा को बढ़ावा देते रहे हैं। सोशल मीडिया पर इस घटना के सामने आने के बाद हंगामा मच गया है।

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब पाकिस्तान और बांग्लादेश के रिश्ते धीरे-धीरे सुधर रहे हैं। 1971 के मुक्ति संग्राम के बाद दोनों देशों के रिश्ते हमेशा तनावपूर्ण रहे हैं। शेख हसीना सरकार के हटने के बाद अगस्त 2024 में यूनुस ने अंतरिम सत्ता संभाली थी। इसके बाद से ही ढाका ने पाकिस्तान और चीन दोनों के साथ अपने रिश्ते सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

पहले भी दिया था विवादित बयान

यह पहली बार नहीं है जब यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का ज़िक्र किया हो।

  • अप्रैल 2025 में अपनी चीन यात्रा के दौरान उन्होंने कहा था कि “भारत के सात पूर्वोत्तर राज्य ज़मीन से घिरे हुए हैं, और बांग्लादेश ही उनका समुद्री द्वार है।”
  • उन्होंने यह भी कहा था कि यह चीन की अर्थव्यवस्था के विस्तार का एक बड़ा मौका बन सकता है।

यूनुस के ऐसे बयानों से नई दिल्ली पहले से ही नाराज़ थी, क्योंकि पिछले एक दशक में भारत और बांग्लादेश के बीच पूर्वोत्तर कनेक्टिविटी परियोजनाओं को लेकर गहरा सहयोग बना था।

भारत ने जताई थी कड़ी आपत्ति

यूनुस की इस टिप्पणी के बाद भारत ने बांग्लादेशी ट्रांजिट समझौता रद्द कर दिया था। इस समझौते के तहत बांग्लादेशी सामान को भारत के रास्ते नेपाल, भूटान और म्यांमार तक भेजा जाता था।

स्थिति तब और बिगड़ गई थी जब यूनुस के एक करीबी पूर्व अधिकारी ने मई 2025 में सुझाव दिया था कि “अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करे, तो बांग्लादेश को चीन के साथ मिलकर भारत के पूर्वोत्तर पर कब्ज़ा कर लेना चाहिए।”

जानकारों का मानना है कि यूनुस बार-बार भारत के पूर्वोत्तर का मुद्दा उठाकर रणनीतिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि पाकिस्तान और चीन के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर सकें और देश के अंदर राष्ट्रवादी समर्थन जुटा सकें।

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