Madagascar Crisis: अफ्रीकी देश मेडागास्कर में राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना के खिलाफ ‘Gen Z’ आंदोलन अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुँच गया है। राष्ट्रपति ने देश में दो सप्ताह से अधिक समय से चल रही घातक अशांति को रोकने के लिए अपनी सरकार को बर्खास्त कर दिया था, लेकिन उनकी यह कोशिश काम नहीं आई। अब नौजवानों के इस विद्रोह में सेना की एंट्री हो गई है।
मेडागास्कर सेना की एक बागी यूनिट – CAPSAT दल के सैनिकों ने रविवार को एक नाटकीय घटनाक्रम में पूरी सेना पर ही कब्ज़ा करने का दावा कर दिया है। इस गुट ने तुरंत ही एक नया सैन्य प्रमुख भी नियुक्त कर दिया। वहीं, राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना ने इस कार्रवाई को “संविधान और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के खिलाफ, अवैध रूप से सत्ता पर कब्जा करने का प्रयास” करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की है।
बागी सेना का प्रदर्शनकारियों को समर्थन
मेडागास्कर में सरकार विरोधी प्रदर्शन 25 सितंबर को शुरू हुए थे, जिसमें दो सप्ताह से अधिक समय में कई लोग मारे जा चुके हैं। CAPSAT दल के सैनिक लगातार दूसरे दिन राजधानी में प्रदर्शनकारियों द्वारा निकाली जा रही रैलियों में शामिल हुए, जिससे उनका मनोबल बढ़ गया।
याद रहे कि यही CAPSAT यूनिट ने 2009 के तख्तापलट में एक अहम भूमिका निभाई थी, जिसने पहली बार राजोएलिना को सत्ता में आने में मदद की थी। यानी जिस बागी गुट ने राजोएलिना को राष्ट्रपति बनाया था, आज वही उनके खिलाफ तख्तापलट कर रहा है। इस गुट ने शनिवार को घोषणा की थी कि वह प्रदर्शनकारियों पर “गोली चलाने के आदेश को अस्वीकार कर देगी”।
‘पूरी सेना पर कब्ज़ा’ और नए प्रमुख की नियुक्ति
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, इस यूनिट के सैनिक शहर के केंद्र में दाखिल हुए और हजारों प्रदर्शनकारियों ने खुशी के साथ उनका स्वागत किया। रविवार तड़के, इस गुट ने एक वीडियो बयान जारी करते हुए दावा किया कि “अब से, मालागासी सेना के सभी आदेश – चाहे थल सेना, वायु सेना या नौसेना – CAPSAT मुख्यालय से ही जारी होंगे।” यह घोषणा पूरी सेना पर कब्ज़ा करने के दावे के समान थी।
कुछ ही घंटों बाद, सेना मुख्यालय में एक समारोह के दौरान जनरल डेमोस्थनी पिकुलस को नया सेनाध्यक्ष नियुक्त किया गया, जिसमें सशस्त्र बल के मंत्री मनंतसोआ डेरामासिंजाका राकोतोरिवेलो भी शामिल हुए।
राष्ट्रपति ने की निंदा, बातचीत पर दिया ज़ोर
राष्ट्रपति राजोएलिना ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “संविधान और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के विपरीत, अवैध रूप से और बलपूर्वक सत्ता पर कब्जा करने का प्रयास वर्तमान में चल रहा है।” उन्होंने एक बयान में कहा, “बातचीत ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है और वर्तमान में देश के सामने मौजूद संकट का एकमात्र समाधान है।”
हालांकि, CAPSAT यूनिट के कर्नल माइकल रैंड्रिअनिरिना ने यह दावा किया कि उनकी यूनिट का प्रदर्शनकारियों में शामिल होने का निर्णय तख्तापलट जैसा नहीं है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “हमने लोगों के आह्वान का जवाब दिया, लेकिन यह तख्तापलट नहीं था।”
