पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) अपनी महिला ब्रिगेड को मज़बूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठा रहा है। इस महीने की शुरुआत में हमने बताया था कि संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा घोषित यह आतंकवादी संगठन एक महिला ब्रिगेड तैयार कर रहा है जिसका नाम ‘जमात उल-मुमिनात’ रखा गया है। अब एक नए एक्सक्लूसिव दस्तावेज़ और विवरण से पता चलता है कि जैश-ए-मोहम्मद ने अब फंड इकट्ठा करने और अपनी महिला ब्रिगेड में ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को भर्ती करने के लिए एक ऑनलाइन ट्रेनिंग कोर्स शुरू किया है। इस कोर्स का नाम “तुफत अल-मुमिनात” है।
मसूद अज़हर के परिवार की महिलाएं करेंगी लीड
आतंकी संगठन को मज़बूत करने की इस कोशिश में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के महिला परिवार के सदस्य, जिनमें खुंखार आतंकी मसूद अज़हर और उसके कमांडरों के रिश्तेदार भी शामिल हैं, आगे हैं। ऑनलाइन कोर्स में महिलाओं को जिहाद, धर्म और इस्लाम के नज़रिए से उनके काम सिखाए जाएंगे। ऑनलाइन लाइव लेक्चर के ज़रिए भर्ती का यह कैंपेन 8 नवंबर से शुरू होने वाला है।

मसूद अज़हर की दो बहनें, सादिया अज़हर और समायरा अज़हर, हर दिन 40 मिनट के लिए ऑनलाइन मीटिंग प्लेटफॉर्म के ज़रिए क्लास लेंगी और महिलाओं को जैश-ए-मोहम्मद की महिला ब्रिगेड ‘जमात उल-मुमिनात’ में शामिल होने के लिए बढ़ावा देंगी। मौलाना मसूद अजहर ने इस औरतों की ब्रिगेड की कमान अपनी छोटी बहन सादिया अजहर को दी है, जिसका पति यूसुफ अजहर ऑपरेशन सिंदूर में मारा गया था। इसके अलावा, उमर फारूक की पत्नी भी महिलाओं को लीड करेंगी।
हर पार्टिसिपेंट से 500 रुपये डोनेशन
इस कोर्स में शामिल होने वाली हर प्रतिभागी से 500 रुपये का डोनेशन लिया जाएगा। यह डोनेशन संगठन को फंड इकट्ठा करने में मदद करेगा।

ऑनलाइन माध्यम का इस्तेमाल क्यों?
सूत्रों के मुताबिक, 8 अक्टूबर को आतंकी मसूद अज़हर ने जैश-ए-मोहम्मद की महिला ब्रिगेड जमात उल-मुमिनात बनाने का ऐलान किया था और 19 अक्टूबर को रावलकोट (PoK) में महिलाओं को ग्रुप में लाने के लिए “दुख्तरान-ए-इस्लाम” नाम का एक इवेंट किया गया था।
पाकिस्तान में कट्टरपंथी सामाजिक नियमों के हिसाब से औरतों का अकेले बाहर निकलना गलत माना जाता है, इसलिए जैश-ए-मोहम्मद अब औरतों को भर्ती करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहा है। संगठन का मकसद ISIS, हमास और LTTE की तरह अपने मर्दों के टेररिस्ट ब्रिगेड के साथ औरतों की टेरर ब्रिगेड बनाना है और शायद उनका इस्तेमाल सुसाइड/फिदायीन हमलों के लिए करना है।
