संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र में ‘नागरिकों की सुरक्षा’ विषय पर चर्चा के दौरान भारत ने पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को दुनिया के सामने बेनकाब कर दिया। भारत ने साफ किया कि पाकिस्तान इन अंतर्राष्ट्रीय मंचों को गुमराह नहीं कर सकता।
भारत के राजदूत पी. हरीश ने पाकिस्तान के प्रतिनिधि के निराधार आरोपों का जवाब देते हुए उसे कड़ी फटकार लगाई। हरीश ने कहा कि पहलगाम ही नहीं, बल्कि हमारी सीमावर्ती गांवों में भी पाकिस्तानी सेना ने जानबूझकर गोलाबारी की, जिसमें 20 से अधिक नागरिकों की मौत हो गई और 80 से ज़्यादा घायल हुए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि गुरुद्वारों और मंदिरों सहित पूजा स्थलों को भी जानबूझकर निशाना बनाया गया।
सिंधु जल समझौता और आतंकवाद पर भारत का रुख
हरीश ने कहा कि भारत ने 65 साल पहले अच्छी नीयत से सिंधु जल समझौता किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने इस समझौते की भावना और नेक नीयत का उल्लंघन किया है।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “पाकिस्तान ने आतंकवादियों और नागरिकों के बीच कोई अंतर नहीं रखा है, और ऐसे देश को नागरिकों की सुरक्षा पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है।”
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का इतिहास
हरीश ने बताया कि भारत ने कई दशकों से अपनी सीमाओं पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमलों का सामना किया है, जिसमें हजारों लोग मारे गए हैं। इसमें 26/11 मुंबई हमले से लेकर अप्रैल 2025 में पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों की बर्बर सामूहिक हत्या तक शामिल है।
उन्होंने कहा, “पाकिस्तानी आतंकवाद के शिकार मुख्य रूप से नागरिक रहे हैं, क्योंकि इसका उद्देश्य हमारी समृद्धि, प्रगति और मनोबल पर हमला करना रहा है। ऐसे देश के लिए नागरिकों की सुरक्षा पर चर्चा में भाग लेना भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय का अपमान है।”
भारत ने पाकिस्तान के इस तरह के व्यवहार को “घोर पाखंड” बताया, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में पूजा स्थलों को जानबूझकर निशाना बनाने के बाद।
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— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) May 23, 2025
PR @AmbHarishP delivered India’s statement at the Arria Formula Meeting on Protecting Water in Armed Conflict – Protecting Civilian Lives. @MEAIndia @UN pic.twitter.com/SV0wzzW5XS
