बेरुत: लेबनान स्थित संगठन हिज्बुल्लाह ने देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और संसद के अध्यक्ष को संबोधित करते हुए एक खुला पत्र जारी किया है। इस पत्र में हिज्बुल्लाह ने लेबनानी सरकार से आग्रह किया है कि वह उसे निहत्था करने पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, इजरायल को युद्धविराम समझौते का पालन करने के लिए बाध्य करे।
‘इजरायल के साथ राजनीतिक वार्ता में न उलझें’
पत्र में हिज्बुल्लाह ने लिखा कि लेबनान को इजरायल के साथ राजनीतिक वार्ता में उलझने के बजाय, सीजफायर लागू करने और उसे पालन करने पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही हथियारों पर एकाधिकार से जुड़े फैसले पर भी सवाल उठाए गए। हिज्बुल्लाह का कहना है कि यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया, जिससे इजरायल को लाभ मिला। पत्र में लिखा गया, “हथियारों पर एकाधिकार का फैसला इजरायल के हित में गया, क्योंकि उसने सीजफायर तोड़ने की शर्त के रूप में हमारे निरस्त्रीकरण को मुद्दा बना लिया।”
हिज्बुल्लाह ने यह भी कहा कि हथियारों का मुद्दा किसी विदेशी दबाव या इजरायली ब्लैकमेल के तहत नहीं, बल्कि राष्ट्रीय ढांचे के भीतर तय होना चाहिए। यह पत्र ऐसे समय में आया है जब नवंबर 2024 के सीजफायर समझौते के बावजूद इजरायल के हमले लेबनान की सीमाओं पर जारी हैं। संयुक्त राष्ट्र अंतरिम बल (यूएनआईएफ़िल) ने हाल ही में भूमि, हवा और समुद्र मार्ग से इजरायली हमलों में वृद्धि की पुष्टि की है, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया।
27 नवंबर 2024 की सीजफायर डील
27 नवंबर 2024 की सीजफायर डील के तहत हिज्बुल्लाह को दक्षिणी लेबनान खाली करना था और वहां लेबनानी सेना की तैनाती होनी थी। इजरायल को भी पीछे हटना था, लेकिन तेल अवीव का कहना है कि वह उन ठिकानों पर कार्रवाई कर रहा है जहां हथियार जमा किए जा रहे हैं, जिसे वह युद्धविराम का उल्लंघन मानता है।
