अमेरिका की पूर्व वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने ट्रंप प्रशासन की व्यापार नीति पर कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत और अपने अन्य साझेदार देशों के साथ बहुत बड़ी गलती कर रहा है। रायमोंडो ने चेतावनी दी कि ‘अमेरिका फर्स्ट’ की सोच ठीक है, लेकिन ‘अमेरिका अकेला’ जैसी नीति देश के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है।
हार्वर्ड केनेडी स्कूल में एक कार्यक्रम के दौरान रायमोंडो ने कहा कि ट्रंप प्रशासन की सबसे बड़ी गलती यह थी कि उसने अपने सहयोगी देशों को नाराज कर दिया। उन्होंने कहा कि यूरोप, जापान और भारत जैसे देशों के बिना अमेरिका की आर्थिक और रणनीतिक स्थिति कमजोर होती जा रही है। उन्होंने साफ कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रभावशाली बनने के लिए मजबूत रिश्ते और साझेदारी जरूरी हैं, न कि एकतरफा फैसले।
रायमोंडो ने भारत का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि अमेरिका को भारत के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और ऐसे में अमेरिका को उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
फिलहाल भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया चल रही है। दोनों देशों के बीच ज्यादातर मुद्दों पर सहमति बन चुकी है, बस कुछ तकनीकी मसले बाकी हैं। हालांकि, अमेरिकी टैरिफ को लेकर अब भी स्थिति साफ नहीं है। अमेरिका ने रूस से ऊर्जा खरीदने पर भारत पर कुछ अतिरिक्त शुल्क लगाए हैं, जिससे भारत के निर्यात पर असर पड़ा है।
रायमोंडो ने उम्मीद जताई कि दोनों देश जल्द ही इस समझौते को अंतिम रूप देंगे और स्टील, एल्युमिनियम तथा ऑटोमोबाइल पर लगाए गए टैक्स जैसे विवादित मुद्दों का समाधान निकाल लेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका का सहयोग न सिर्फ दोनों देशों के लिए बल्कि पूरी दुनिया की आर्थिक स्थिरता के लिए भी अहम है।
