अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर दावा किया है कि उनकी मध्यस्थता ने भारत और पाकिस्तान को परमाणु युद्ध के कगार से रोका। उन्होंने कहा कि छह या सात विमानों के गिरने के बाद, उनके दबाव के कारण दोनों देश शांति के लिए सहमत हुए। हालांकि, भारत ने कई बार यह स्पष्ट किया है कि युद्धविराम पूरी तरह से द्विपक्षीय सैन्य संचार के माध्यम से हुआ था, और इसमें किसी भी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।
ट्रम्प ने यह भी दावा किया कि उन्होंने पिछले छह महीनों में छह युद्धों को सुलझाया है, जिसमें भारत-पाकिस्तान संघर्ष भी शामिल है। लेकिन भारत ने लगातार इस बात को खारिज किया है और कहा है कि इस मामले में न तो अमेरिका ने कोई मध्यस्थता की थी और न ही किसी व्यापारिक सौदे का कोई प्रस्ताव था।
रूस–यूक्रेन युद्ध पर ट्रम्प ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की शांति स्थापित करेंगे। उन्होंने एक प्रस्तावित बैठक का भी जिक्र किया, जिसमें यूरोपीय नेताओं की भागीदारी की संभावना जताई और कहा कि यह उनकी पिछली बैठकों से अधिक महत्वपूर्ण हो सकती है।
