पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाज़ा आसिफ ने कहा है कि उनका देश अपने “रणनीतिक भविष्य” को अमेरिका के बजाय चीन के साथ देखता है। उन्होंने चीन को भरोसेमंद साझीदार बताया और अमेरिका को ‘लेन-देन वाले’ रिश्तों वाला देश करार दिया। यह बयान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के अगले ही दिन आया।
ब्रिटिश-अमेरिकी पत्रकार मेहदी हसन को दिए इंटरव्यू में ख्वाज़ा आसिफ ने कहा, “चीन ने हमें पनडुब्बियां और जेएफ-17 लड़ाकू विमान दिए हैं। हमारा रक्षा सहयोग चीन के साथ बढ़ रहा है, जबकि अमेरिका हमेशा लेन-देन पर आधारित रहा है। पाकिस्तान ने हमेशा चीन को अपना शीर्ष सहयोगी माना है।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान का रणनीतिक भविष्य चीन के साथ है, तो आसिफ ने स्पष्ट रूप से ‘हां’ कहा और जोड़ा कि चीन पड़ोसी है, और दोनों देशों के बीच सीमाएं और भूगोल साझा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ संबंधों को लेकर चीन को कोई चिंता नहीं है।
इंटरव्यू में जब सवाल किया गया कि असली शक्ति राजनीतिक नेतृत्व के पास है या सेना प्रमुख असीम मुनीर के पास, तो आसिफ असहज नजर आए। उन्होंने इस सवाल को टालते हुए कहा कि यह केवल राजनीतिक नियुक्ति का मामला है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात कर उन्हें लुभाने में जुटे थे। इस मुलाकात में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश सचिव मार्को रुबियो भी मौजूद थे। इसके अलावा, पाक पीएम ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में ट्रंप की तारीफ की और उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित करने की बात कही।
