अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीजफायर वार्ता विफल, बढ़ा तनाव — क्या होगा अब युद्ध?

अफगान और पाकिस्तानी सूत्रों ने बताया कि दोनों देश 19 अक्टूबर को दोहा में हुए एक सीजफायर पर राज़ी हो गए थे। लेकिन इस्तानबुल में तुर्की और कतर की मदद से हुई बातचीत के दूसरे राउंड में कोई सहमति नहीं बन पाई।

Afghanistan-Pakistan Ceasefire Talks Fail, Tensions Escalate
Afghanistan-Pakistan Ceasefire Talks Fail, Tensions Escalate

Pakistan Afghanistan Peace Talks: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच चल रही सीजफायर (गोलीबारी रोकने) की बातचीत बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई है। इस मामले से जुड़े सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि इस्तानबुल में दोनों देश किसी समझौते पर नहीं पहुँच पाए। हाल ही में सीमा पर हुई जानलेवा झड़पों के बाद, इलाके में शांति के लिए यह एक बड़ा झटका है।

बातचीत खत्म होने से ठीक एक दिन पहले ही पाकिस्तान की सेना ने कहा था कि अफगानिस्तान की तरफ से हुए हमले में उसके पाँच सैनिक मारे गए थे। तुर्की और कतर ने बीच-बचाव किया था, जिसकी वजह से दोनों देश बातचीत के लिए एक टेबल पर आए थे। अब जबकि यह समझौता नहीं हो पाया है, तो यह देखना होगा कि क्या दोनों देशों के बीच ‘खुली जंग’ होगी, जैसा पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था।

दोनों ने एक-दूसरे को ठहराया जिम्मेदार

इस बातचीत का मकसद दोनों पड़ोसी देशों के बीच पक्की शांति लाना था। पिछले कुछ दिनों में दोनों देशों के सैनिक सीमा पर सबसे ज़्यादा हिंसक झड़पों में आमने-सामने आए थे। अफगानिस्तान में 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से यह हिंसा का सबसे बुरा दौर था, जिसमें सीमा के दोनों तरफ दर्जनों लोग मारे गए थे।

न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, अफगान और पाकिस्तानी सूत्रों ने बताया कि दोनों देश 19 अक्टूबर को दोहा में हुए एक सीजफायर पर राज़ी हो गए थे। लेकिन इस्तानबुल में तुर्की और कतर की मदद से हुई बातचीत के दूसरे राउंड में कोई सहमति नहीं बन पाई। बातचीत की नाकामी के लिए दोनों देशों ने एक-दूसरे पर ही दोष लगाया है।

टीटीपी को काबू करने से इनकार

एक पाकिस्तानी सुरक्षा सूत्र के मुताबिक, तालिबान ने टीटीपी (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) को काबू करने के पाकिस्तान के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। टीटीपी पाकिस्तान का सबसे बड़ा दुश्मन है। पाकिस्तान सरकार और सेना का कहना है कि यह संगठन अफगानिस्तान के अंदर बिना किसी रुकावट के काम कर रहा है।

वहीं, अफगान सूत्रों का कहना है कि इस मामले पर ‘तनावपूर्ण बातचीत’ के बाद अब हर संभावना खत्म हो गई है। अफगानिस्तान का कहना है कि उसका टीटीपी पर कोई नियंत्रण नहीं है। टीटीपी ने हाल के हफ्तों में पाकिस्तानी सैनिकों पर कई हमले किए हैं।

ख्वाजा आसिफ की धमकी

अक्टूबर महीने में यह झड़पें तब शुरू हुईं जब पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल और दूसरी जगहों पर हवाई हमले किए, जिनमें पाकिस्तानी तालिबान के प्रमुख को निशाना बनाने की कोशिश की गई थी। इसके जवाब में तालिबान ने 2,600 किलोमीटर लंबी सीमा पर पाकिस्तान की मिलिट्री चौकियों पर हमला किया था।

बातचीत में आई इस रुकावट ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी ध्यान खींचा है। शनिवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि उन्हें लगता है कि अफगानिस्तान शांति चाहता है, लेकिन अगर इस्तानबुल में समझौता नहीं हुआ तो इसका मतलब ‘खुली जंग’ होगा।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

© 2025 Breaking News Wale - Latest Hindi News by Breaking News Wale