‘अगर पाकिस्तान शांति नहीं चाहता तो हमारे पास दूसरे विकल्प भी हैं’: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मुत्ताकी ने दी कड़ी चेतावनी

विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि कतर और सऊदी अरब ने दोनों पक्षों से संघर्ष बंद करने की अपील की थी, इसलिए अफगान पक्ष ने अस्थायी तौर पर कार्रवाई को विराम दे दिया। मुत्ताकी ने कहा, “स्थिति अब नियंत्रण में है और हमारा मकसद सिर्फ अच्छे और शांतिपूर्ण रिश्ते हैं।”

Afghan Foreign Minister Muttaqi's Stern Warning to Pakistan: 'If Peace Fails, We Have Other Means'
Afghan Foreign Minister Muttaqi's Stern Warning to Pakistan: 'If Peace Fails, We Have Other Means'

Afghanistan Warns Pakistan: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने रविवार को स्पष्ट शब्दों में पाकिस्तान को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान शांतिपूर्ण रिश्ते नहीं चाहता तो अफगानिस्तान के पास और विकल्प मौजूद हैं। यह बयान उन्हीं समय आया जब दोनों देशों की सीमा पर बड़े पैमाने पर झड़पें हुईं और जानकारी के मुताबिक सीमा पर 50 से अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए तथा पाकिस्तान ने कुछ चौकियां भी अपने कब्जे में ले लेने का दावा किया।

मुत्ताकी ने भारत की मीडिया से बात करते हुए कहा कि अफगानिस्तान का कोई झगड़ा पाकिस्तान के आम नागरिकों से नहीं है। उनका कहना था कि समस्या कुछ सशक्त समूहों और तत्वों से है, जो सीमा पार के जरिए तनाव फैला रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अफगान सेना ने हालिया घटनाओं में अपने सैन्य उद्देश्य हासिल कर लिए और अपनी सीमाओं व राष्ट्रीय हित की रक्षा के लिए कदम उठाए गए।

विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि कतर और सऊदी अरब ने दोनों पक्षों से संघर्ष बंद करने की अपील की थी, इसलिए अफगान पक्ष ने अस्थायी तौर पर कार्रवाई को विराम दे दिया। मुत्ताकी ने कहा, “स्थिति अब नियंत्रण में है और हमारा मकसद सिर्फ अच्छे और शांतिपूर्ण रिश्ते हैं।”

टीटीपी की उपस्थिति का खंडन

मुत्ताकी ने एक अहम बिंदु पर जोर दिया — उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की मौजूदगी का कोई प्रमाण नहीं है। उनके शब्दों में, अफगान धरती का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ आतंकवाद के लिए नहीं होने दिया जाएगा और अफगान सरकार इस नज़रिए से सतर्क है।

डुरंड लाइन और सीमा सुरक्षा पर टिप्पणी

विदेश मंत्री ने डुरंड लाइन का जिक्र करते हुए कहा कि यह 2,400 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा है और इसे केवल ताकत से नियंत्रित नहीं किया जा सकता। उन्होंने पाकिस्तान से पूछा कि उसके पास इतनी बड़ी सेना और इंटेलिजेंस सिस्टम होते हुए भी आखिर नियंत्रण क्यों नहीं हो पा रहा — यह लड़ाई असल में पाकिस्तान के अंदर ही है और उसे अपने ही क्षेत्रों में सक्रिय समूहों को नियंत्रित करना होगा।

मुत्ताकी ने अंत में दोहराया कि अफगानिस्तान की मंशा शांति और अच्छे पड़ोसी संबंधों की है, लेकिन अगर पाकिस्तान शांति की कोशिश नहीं करता तो काबुल के पास मजबूती से जवाब देने के और भी विकल्प हैं।

Related Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

© 2025 Breaking News Wale - Latest Hindi News by Breaking News Wale