लखनऊ: उत्तर प्रदेश में यातायात पुलिस पर लगने वाले आरोपों के बाद अब सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है। यातायात निदेशालय ने प्रदेशभर के सभी कमिश्नरेट और जिलों के पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बाहर से आने वाले वाहनों के साथ किसी भी तरह की बदसलूकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
यह मुद्दा विधानसभा की प्राकलन समिति में प्रमुखता से उठाया गया था। समिति ने पाया कि चौराहों पर तैनात यातायात पुलिसकर्मी अक्सर एक जगह खड़े रहते हैं और दूसरे जिलों या राज्यों से आने वाली गाड़ियों को निशाना बनाते हैं। इन शिकायतों में यह भी सामने आया था कि वे गाड़ी में सवार महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों या डॉक्टरों की भी परवाह नहीं करते। साथ ही, वे चौराहों पर लगे कैमरों की अनदेखी कर सीधे चालान काटते हैं और दुर्व्यवहार करते हैं, जिससे पुलिस की छवि को भारी नुकसान हो रहा था।
इस पर संज्ञान लेते हुए, अपर पुलिस महानिदेशक, यातायात एवं सड़क सुरक्षा, के. सत्यनाराणा ने आदेश जारी किया है। आदेश में कहा गया है कि, “सभी पुलिसकर्मियों को स्पष्ट ब्रीफ कर दिया जाए कि केवल मोटर अधिनियम के तहत ही कार्रवाई करें, और जनता से शालीनता और विनम्रता बनाए रखें। किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

आदेश में यह भी चेतावनी दी गई है कि भविष्य में ऐसे मामले सामने आने पर संबंधित यातायात पुलिसकर्मी के खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी। इस निर्देश का पालन हर स्तर पर सुनिश्चित कराने के लिए पत्र की प्रति जोनल एडीजी से लेकर आईजी/डीआईजी और सभी एएसपी/डीएसपी को भेजी गई है।
