बंगाल की खाड़ी में नया चक्रवात बनने के संकेत, IMD ने तटीय राज्यों को सतर्क रहने की सलाह

Cyclone Alert: बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवात बनने के संकेत तेज़ हो गए हैं। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि यह तटीय क्षेत्रों से कब और कहां टकराएगा, लेकिन अनुमान है कि इसका मार्ग उत्तरी आंध्रप्रदेश से लेकर म्यांमार तक किसी भी इलाके को प्रभावित कर सकता है।

New Cyclone Formation Indicated in Bay of Bengal; IMD Advises Coastal States to Remain Alert
New Cyclone Formation Indicated in Bay of Bengal; IMD Advises Coastal States to Remain Alert

Cyclone Alert: बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवात बनने के संकेत तेज़ हो गए हैं। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि यह तटीय क्षेत्रों से कब और कहां टकराएगा, लेकिन अनुमान है कि इसका मार्ग उत्तरी आंध्रप्रदेश से लेकर म्यांमार तक किसी भी इलाके को प्रभावित कर सकता है। भारतीय मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि मलक्का जलडमरूमध्य से सटे दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बना निम्न दबाव क्षेत्र लगातार सक्रिय बना हुआ है, जिसकी वजह से समुद्री और वायुमंडलीय परिस्थितियों में तेजी से बदलाव हो रहा है।

मौसम विभाग के मुताबिक, यह सिस्टम पश्चिम–उत्तरपश्चिम दिशा की ओर बढ़ते हुए सोमवार को दक्षिण–पूर्व बंगाल की खाड़ी पर अवदाब में बदल गया है। अगले 48 घंटों के भीतर इसके चक्रवाती तूफान का रूप लेने की संभावना जताई गई है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 25 नवंबर की शाम से समुद्र में हवाओं की रफ्तार 50 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच जाएगी। 26 नवंबर को यह गति कुछ स्थानों पर बढ़कर 80 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है और 27 नवंबर की सुबह तक हवाओं की रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यह सिस्टम फिलहाल कई परिसंचरण तंत्रों से प्रभावित हो रहा है। दक्षिण–पूर्व अरब सागर और कोमोरिन क्षेत्र के आसपास स्थित सक्रिय दबाव प्रणालियां और समुद्री तरंगें इसकी गति पर प्रभाव डाल रही हैं। इन परस्पर क्रियाओं के कारण सिस्टम की प्रगति काफी धीमी हो गई है। साथ ही, श्रीलंका के नजदीक भी एक नया निम्न दबाव विकसित होने की संभावना दिखाई दे रही है, जिससे भविष्य की दिशा और गति पर और अनिश्चितता बनी हुई है।

मौसम विभाग का आकलन है कि अगले सात दिनों के दौरान तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। हालांकि 27 नवंबर से उत्तर दिशा से ठंडी हवाएं चलने लगेंगी, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी और कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है। बंगाल की खाड़ी के तापमान में कमी आने के कारण ओडिशा तटीय क्षेत्रों पर चक्रवात के सीधे प्रभाव की संभावना अब कम आंकी जा रही है।

चक्रवात की संभावित लैंडफॉल से जुड़े प्रमुख विवरण 27 नवंबर की शाम तक अधिक स्पष्ट हो जाएंगे। फिलहाल तटीय राज्यों को सतर्क रहने और मौसम विभाग के निर्देशों पर नजर बनाए रखने की सलाह दी गई है।

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