नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते दिल्ली में पांचवीं तक की कक्षाओं को हाइब्रिड मोड पर चलाया जा रहा है। इससे पहले दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 लागू किया गया था, जिसमें कई तरह की पाबंदियां शामिल हैं। कुछ रिपोर्ट्स में ग्रैप-4 लागू होने और स्कूलों को बंद करने की खबरें भी आईं, जिससे आम जनता में भ्रम फैल गया था।
हालांकि, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने स्पष्ट किया है कि ग्रैप-4 को अभी तक लागू नहीं किया गया है। आयोग ने सोशल मीडिया और कुछ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फैल रही गलत सूचनाओं पर स्पष्टीकरण जारी किया और इसे पूरी तरह भ्रामक बताया। CAQM ने कहा कि फिलहाल पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ग्रैप का तीसरा चरण ही लागू है और इसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।
आयोग ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए लोगों और संबंधित विभागों को केवल आयोग की आधिकारिक अपडेट, नोटिफिकेशन और प्रेस रिलीज़ पर भरोसा करना चाहिए। गलत और अपुष्ट जानकारी साझा करना न केवल जनता को भ्रमित करता है, बल्कि प्रदूषण प्रबंधन से जुड़ी तैयारियों और निर्देशों में असमंजस भी पैदा कर सकता है।
लोगों से अपील करते हुए CAQM ने स्पष्ट किया कि ग्रैप के अगले चरण के लागू होने या मौजूदा चरण में बदलाव की आधिकारिक घोषणा केवल आयोग की तरफ से ही की जाएगी। आयोग ने कहा कि बिना सत्यापित खबरों पर ध्यान न दें।
ग्रैप-3 11 नवंबर से लागू किया गया था। इसे तब लागू किया जाता है जब वायु गुणवत्ता गंभीर (Severe) श्रेणी में पहुंच जाती है और हवा में प्रदूषक तत्व स्वास्थ्य के लिए खतरनाक स्तर तक बढ़ जाते हैं। ग्रैप-4 केवल तब लागू होगा जब एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 450 के पार हो जाएगा। सामान्य तौर पर AQI 0-50 को अच्छा, 51-100 को संतोषजनक, 101-200 को मध्यम, 201-300 को गंभीर, 301-400 को बहुत गंभीर, और 401-450 से ऊपर को अत्यंत गंभीर श्रेणी में रखा जाता है।
गौरतलब है कि ग्रैप के लागू होने के साथ ही नोएडा प्राधिकरण और अन्य स्थानीय प्रशासन ने कई कड़ी पाबंदियों की घोषणा की है। इन उपायों का उद्देश्य नागरिकों और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचाव करना है। CAQM ने लोगों से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक सूचना पर भरोसा करें और अफवाहों में न फंसें।
