कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में विश्व प्रसिद्ध अर्जेंटीना के फुटबॉलर लियोनेल मेस्सी के कार्यक्रम के दौरान हुए बवाल के बाद मुख्य आयोजक सताद्रु दत्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है। लियोनेल मेस्सी की एक झलक पाने के लिए फैन्स 4800 से 25 हजार रुपये का टिकट खरीदकर इकट्ठे हुए थे। वहीं, जब मेस्सी जल्दी जाने लगे तो फैन्स में आक्रोश व्याप्त हो गया। लोगों ने जमकर तोड़फोड़ की और कुर्सियों में आग तक लगा दी।
इस पूरे बवाल के पीछे आयोजकों और उनके कुप्रबंधन को जिम्मेदार बताया गया है। लोग स्टेडियम में पहुँचने के बाद भी जब मेस्सी का दीदार नहीं कर पाए तो लोग बोतल फेंकने लगे और कुर्सियाँ तोड़ने लगे। बहुत सारे लोग मैदान में घुस गए। मेस्सी के आसपास इतनी सुरक्षा थी और वीआईपी लोगों ने उन्हें घेर रखा था। ऐसे में फैन उनको ठीक से देख ही नहीं पाए।
कौन हैं मुख्य आयोजक सताद्रु दत्ता?
‘GOAT’ इंडिया टूर के आयोजक सताद्रु दत्ता की गिरफ्तारी के बाद हर कोई जानना चाहता है कि आखिर वह कौन हैं। सताद्रु दत्ता ‘ए सताद्रु दत्ता इनिशिएटिव’ नाम से फर्म चलाते हैं, जो कि दुनिया भर के फुटबॉलर्स के कार्यक्रम करवाती है। वह पहले भी कई फुटबॉलर्स के सफल इवेंट करवा चुके हैं। उन्होंने लियोनेल मेस्सी के पूरे भारत दौरे की जिम्मेदारी ली थी। वह पहले पेले, डिएगो माराडोना और अन्य फुटबॉलर्स के टूर भी आयोजित कर चुके हैं।
एयरपोर्ट पर मेस्सी को रिसीव करने के बाद दत्ता ने कहा था कि वह उनसे कहना चाहते हैं कि वह मेरे साथ फुटबॉल खेलें। अगर वह सफल नहीं होते हैं तो वह उनकी एक झलक पाने के लिए कल जिम जाएँगे। उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी ऑटोग्राफ बुक तैयार है और वह उनके साथ सेल्फी लेना चाहते हैं।
बवाल पर भिड़ गई बीजेपी और टीएमसी
बता दें कि स्टेडियम में बवाल के बाद टीएमसी और बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा गया कि कुछ दर्शक मैदान में दौड़ रहे हैं, जिनमें से कुछ भगवा झंडे लिए हुए थेb और ‘जय श्री राम’ के नारे लगा रहे थे। साथ ही कुछ लोग बोतल और कुर्सियाँ फेंकते, सीट और बैनर को नुकसान पहुँचाते और बैरिकेड तोड़ते दिखे।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता अरूप चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि “फुटेज से संकेत मिलता है कि हिंसा में कुछ ताकतों की संलिप्तता हो सकती है, हालाँकि हमारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी के अन्य नेताओं ने पहले ही कार्यक्रम के आयोजकों की निंदा की है और उच्च स्तरीय जाँच के आदेश दिए हैं।” उन्होंने कहा कि मुख्य आयोजक को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन वह माँग करते हैं कि जाँच में उन ताकतों की संलिप्तता की आशंका को भी शामिल किया जाए जो कोलकाता और राज्य प्रशासन को बदनाम करना चाहती हैं। उन्होंने पूरी सच्चाई सामने आने की बात कही।
हालांकि, भाजपा प्रवक्ता सजल घोष ने तृणमूल कांग्रेस की आलोचना करते हुए इस गड़बड़ी के लिए प्रशासनिक कुप्रबंधन और टिकट धारक प्रशंसकों को फुटबॉल स्टार को देखने से वंचित रखने को जिम्मेदार ठहराया। घोष ने कहा कि “कई टीएमसी मंत्रियों, उनके रिश्तेदारों और दोस्तों के अति-उत्साह तथा प्रचार-प्रधान इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के मेसी के आसपास भीड़ लगाने के कारण, भारी रकम चुकाने वाले हज़ारों प्रशंसकों को खुद को ठगा हुआ महसूस करना पड़ा। आत्ममंथन करने के बजाय, टीएमसी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही है।” उन्होंने कहा कि उनके शासन में प्रशासन ने दिखा दिया है कि वह इस तरह की घटना को संभाल नहीं सकता। घोष ने यह भी स्पष्ट किया कि आज की घटना में भाजपा का कोई हाथ नहीं है और यह जनता के गुस्से का स्वाभाविक इजहार है।
