India to Launch Digital Census 2027: केंद्रीय कैबिनेट ने 2027 की जनगणना के लिए 11,718 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दे दी है। पहली बार देशभर में डिजिटल जनगणना की जाएगी, जिसमें करीब 30 लाख कर्मचारियों को कार्य पर लगाया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में तीन बड़े और महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इनमें पहला फैसला 2027 की जनगणना को लेकर है। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया दो चरणों में होगी।
पहले चरण में हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग जनगणना की जाएगी, जो अप्रैल से सितंबर 2026 तक चलेगी। दूसरे चरण के तहत जनसंख्या की गणना होगी, जो फरवरी 2027 से शुरू होगी। जनगणना का डिजिटल डिजाइन इस तरह तैयार किया गया है कि डेटा सुरक्षा को पूरी तरह ध्यान में रखा गया है।
Cabinet approved ₹11,718 crore for Census 2027
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) December 12, 2025
✅ First ever digital census
✅ Will include caste enumeration and option for self-enumeration
✅ Personal data to be protected as per the DPDP Act, 2023
✅ ~ 1 crore human-days of employment to be generated pic.twitter.com/1uGGXqD1Z1
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत कोयले के उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2024-25 में भारत ने ऐतिहासिक रूप से एक अरब टन से अधिक कोयले का उत्पादन किया। इससे पहले जिस पर हम कोयले के इंपोर्ट पर निर्भर थे, अब उस निर्भरता को करीब-करीब समाप्त किया गया है। कोयले के आयात पर निर्भरता कम होने से सरकार को 60 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है।
भारत की जनगणना (Census of India) देश की आबादी, जनसांख्यिकी, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और संसाधनों के वितरण का व्यापक सर्वेक्षण है। यह प्रक्रिया भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन रजिस्ट्रार जनरल और सेंसस कमिश्नर द्वारा संचालित की जाती है।
2027 की डिजिटल जनगणना से न केवल प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी, बल्कि डेटा संग्रह और विश्लेषण में भी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे नीति निर्धारण और संसाधन आवंटन में अधिक सटीक जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
