ठाणे में स्वदेशी 11वें गोला-बारूद सह-टारपीडो सह-मिसाइल बजरे एलएसएएम 25 का सफल प्रक्षेपण

समुद्री कौशल के लिए इस मॉडल का परीक्षण नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल), विशाखापत्तनम में किया गया। शिपयार्ड अब तक ग्यारह में से दस बजरे सफलतापूर्वक भारतीय नौसेना को सौंप चुका है, जिनका उपयोग नौसेना अपने परिचालन विकास में प्रभावी रूप से कर रही है।

Thane: 11th Indigenous Ammunition-cum-Torpedo-cum-Missile Barge LSAM 25 Launched
Thane: 11th Indigenous Ammunition-cum-Torpedo-cum-Missile Barge LSAM 25 Launched

11वें गोला-बारूद सह-टारपीडो सह-मिसाइल बजरे, एलएसएएम 25 (यार्ड 135) का प्रक्षेपण समारोह 08 सितंबर 2025 को मेसर्स सूर्यदीप्ता प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, ठाणे में आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि रियर एडमिरल विशाल बिश्नोई, एसीडब्ल्यूपीएंडए उपस्थित रहे।

इस बजरे के निर्माण का अनुबंध 05 मार्च 2021 को एमएसएमई शिपयार्ड, सूर्यदीप्ता प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, ठाणे के साथ संपन्न हुआ था। इन बजरों को पूरी तरह स्वदेशी डिजाइन और निर्माण के तहत भारतीय पोत डिजाइन फर्म और भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के सहयोग से तैयार किया गया है।

समुद्री कौशल के लिए इस मॉडल का परीक्षण नौसेना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल), विशाखापत्तनम में किया गया। शिपयार्ड अब तक ग्यारह में से दस बजरे सफलतापूर्वक भारतीय नौसेना को सौंप चुका है, जिनका उपयोग नौसेना अपने परिचालन विकास में प्रभावी रूप से कर रही है।

ये बजरे भारत सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं।

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