23rd Annual India-Russia Summit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 23वें वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन के लिए जल्द ही भारत आने वाले हैं। उनकी यात्रा से कुछ सप्ताह पहले, विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव ने शिखर सम्मेलन के विवरण पर चर्चा करने के लिए मास्को में एक बैठक की। इस बैठक के दौरान रक्षा और गतिशीलता (mobility) सहित कई समझौतों को अंतिम रूप दिया गया, जिन पर पुतिन की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।
लावरोव के साथ जयशंकर की यह एक साल में छठी बैठक थी और यह ऐसे समय में हुई है जब भारत द्वारा रूसी तेल के आयात को लेकर वाशिंगटन से दबाव बढ़ रहा है। हालाँकि, पुतिन की यात्रा की तारीखों की अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन इसकी संभावना अगले महीने के पहले सप्ताह में है।
द्विपक्षीय सहयोग और जटिल वैश्विक स्थिति पर चर्चा
रूसी समकक्ष से मुलाक़ात के बाद एस जयशंकर ने कहा, “मैं दोबारा मिलने के इस अवसर का स्वागत करता हूँ और हमारी नियमित बातचीत हमारे द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने और महत्वपूर्ण क्षेत्रीय, वैश्विक तथा बहुपक्षीय मुद्दों पर दृष्टिकोण साझा करने में बहुत सहायक रही है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह विशेष अवसर मेरे लिए और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम 23वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा की तैयारी कर रहे हैं।”
जयशंकर ने अपने आरंभिक वक्तव्य में कहा कि वे जटिल वैश्विक स्थिति पर खुलेपन के साथ विचारों का आदान-प्रदान करेंगे, जो हमेशा से द्विपक्षीय संबंधों की विशेषता रही है। इस चर्चा में यूक्रेन संघर्ष के साथ-साथ मध्य पूर्व और अफ़ग़ानिस्तान जैसे मुद्दे भी शामिल हैं।
रणनीतिक साझेदारी को मिलेगी मजबूती
राष्ट्रपति पुतिन की यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों का लक्ष्य कई द्विपक्षीय समझौतों को अंतिम रूप देना और कई नई पहलों और परियोजनाओं की घोषणा करना है। जयशंकर ने उम्मीद जताई, “हम आने वाले दिनों में परियोजनाओं के अंतिम रूप दिए जाने की आशा करते हैं। ये निश्चित रूप से हमारी विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मज़बूती और मज़बूती प्रदान करेंगे।”
विदेश मंत्री मंगलवार को होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के प्रधानमंत्रियों की परिषद की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए मॉस्को में हैं। राष्ट्रपति पुतिन भी अपनी यात्रा के दौरान शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के नेताओं से मुलाकात करेंगे। जयशंकर ने ज़ोर देकर कहा कि भारत-रूस संबंध लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय संबंधों में स्थिरता का एक कारक रहे हैं और इनका विकास न केवल दोनों देशों के आपसी हित में है, बल्कि विश्व हित में भी है।
Opening remarks at my meeting with FM Sergey Lavrov of Russia in Moscow.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 17, 2025
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