Delhi Red Fort Blast: दिल्ली पुलिस ने लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट की जांच में अहम कामयाबी हासिल की है। पुलिस की अब तक की जांच में सीसीटीवी फुटेज और डंप डेटा (एक निश्चित समय पर क्षेत्र में सक्रिय सभी मोबाइल फोन का रिकॉर्ड) से मिली जानकारी अहम सुराग के तौर पर सामने आई है। जांचकर्ता अब संदिग्ध कार की मूवमेंट का पता लगा चुके हैं और धमाके से पहले और बाद में हुई संभावित बातचीत के लिंक की गहन जांच कर रहे हैं।
अधिकारियों के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज में विस्फोट से कुछ देर पहले संदिग्ध कार लाल किले के पार्किंग एरिया में घुसती और बाहर निकलती दिखाई दे रही है। फुटेज में ड्राइवर भी अकेला ही दिख रहा है। अब पुलिस दरियागंज की ओर जाने वाले रास्ते की जांच कर रही है। कार की पूरी मूवमेंट का पता लगाने के लिए आसपास के टोल प्लाजा के फुटेज सहित 100 से अधिक सीसीटीवी क्लिप की जांच की जा रही है।
ऐतिहासिक लाल किला परिसर के पास हुए इस जोरदार और जानलेवा धमाके में 13 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। घटना के बाद इलाके में दहशत फैल गई, जिसके चलते बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच और फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) की टीमें तैनात की गई हैं। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है और आने-जाने वालों को बाहर निकाल दिया गया है।
जांच एजेंसियां ब्लास्ट के बाद सोशल मीडिया एक्टिविटी पर भी पैनी नज़र बनाए हुए हैं और कम्युनिकेशन रिकॉर्ड का बड़े पैमाने पर टेक्निकल एनालिसिस शुरू कर दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि धमाके के समय लाल किला परिसर के आस-पास सक्रिय सभी मोबाइल फोन का डंप डेटा खंगाला जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि इस डेटा से कार ब्लास्ट से जुड़े नंबरों की पहचान करने में मदद मिल सकती है, जिससे संदिग्धों और संभावित साथियों के बीच बातचीत का पता चल सकता है।
जांचकर्ताओं ने अपनी जांच का दायरा फरीदाबाद तक बढ़ा दिया है। डंप डेटा का इस्तेमाल उन लोगों के बीच कम्युनिकेशन पैटर्न का पता लगाने के लिए किया जा रहा है, जो घटना से जुड़े हो सकते हैं। ब्लास्ट के तुरंत बाद जो डिवाइस इनएक्टिव हो गए थे, उन्हें ट्रैक करने के लिए इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड (IPDR) एनालिसिस किया जा रहा है, जिससे यह संकेत मिल सकता है कि जानबूझकर पकड़े जाने से बचने की कोशिश की गई है। दिल्ली पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि टेक्निकल सबूतों से हमें अहम सुराग मिले हैं और हम हर सुराग की जांच कर रहे हैं तथा केंद्रीय एजेंसियों के साथ कोऑर्डिनेट कर रहे हैं।
धमाके के बाद पूरे दिल्ली में, खासकर हेरिटेज साइट्स, मेट्रो स्टेशनों और बाज़ारों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। स्निफर डॉग और बम डिस्पोजल टीमों ने लाल किला परिसर के अंदर और आसपास कई बार जांच की है। दिल्ली पुलिस, आरएएफ और एनएसजी की टीमें मौके तैनात हैं। एहतियात के तौर पर नेताजी सुभाष मार्ग और आस-पास की सड़कों पर ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
