केंद्र सरकार की टीवी चैनलों को सलाह: लाल किला हमले की रिपोर्टिंग में बरतें संयम, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा

सभी टेलीविजन चैनलों को इस प्रकार के मामलों की रिपोर्टिंग करते समय उच्चतम स्तर की विवेकशीलता और संवेदनशीलता बरतने की सलाह दी गई है। सलाह में उल्लेख किया गया है, “प्रसारकों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (नियमन) अधिनियम, 1995 के तहत कार्यक्रम और विज्ञापन संहिता का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना चाहिए।”

Red Fort Attack Coverage: Centre Issues Advisory to TV Channels, Asking for Restraint Due to Security Risks
Red Fort Attack Coverage: Centre Issues Advisory to TV Channels, Asking for Restraint Due to Security Risks

नई दिल्ली: केंद्रीय सरकार ने मंगलवार को सभी निजी उपग्रह टेलीविजन चैनलों को दिल्ली के लाल किले पर हुए हमले से संबंधित समाचार प्रसारित करते समय संयम बरतने की सख्त सलाह दी है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने अपनी सलाह में कहा है कि उसे यह जानकारी मिली है कि कुछ समाचार चैनल लाल किले के विस्फोट में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों के बारे में ऐसी सामग्री का प्रसारण कर रहे हैं जो उनके हिंसक कृत्यों को बढ़ावा देते हैं।

साथ ही, कुछ चैनल विस्फोटक सामग्री बनाने के तरीकों की जानकारी देने वाले वीडियो भी प्रसारित कर रहे हैं। केंद्र सरकार की सलाह में यह भी उल्लेख किया गया कि ऐसे प्रसारण अनजाने में हिंसा को प्रोत्साहित या भड़काने, सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।

संवेदनशीलता और नियमों का सख्ती से पालन

सभी टेलीविजन चैनलों को इस प्रकार के मामलों की रिपोर्टिंग करते समय उच्चतम स्तर की विवेकशीलता और संवेदनशीलता बरतने की सलाह दी गई है। सलाह में उल्लेख किया गया है, “प्रसारकों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (नियमन) अधिनियम, 1995 के तहत कार्यक्रम और विज्ञापन संहिता का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना चाहिए।” मंत्रालय ने चेतावनी दी कि ऐसे प्रसारण नियमों का उल्लंघन कर सकते हैं, विशेष रूप से नियम 6(1)(डी), 6(1)(ई) और 6(1)(एच)।

Red Fort Attack Coverage: Centre Issues Advisory to TV Channels, Asking for Restraint Due to Security Risks

ऑनलाइन प्रचार सामग्री की निगरानी महत्वपूर्ण

फरीदाबाद में जैश-ए-मोहम्मद के मॉड्यूल द्वारा किए गए दिल्ली लाल किला विस्फोट के बाद खुफिया एजेंसियाँ आनलाइन प्रचार सामग्री पर कड़ी नजर रख रही हैं। विभिन्न सुरक्षा समीक्षा बैठकों के दौरान शीर्ष अधिकारियों ने सुझाव दिया कि समाचार प्रवाह और ऑनलाइन प्रसारित हो रही प्रचार सामग्री की निगरानी करना महत्वपूर्ण है।

खुफिया एजेंसियों ने पाया है कि पाकिस्तान स्थित कई इंटरनेट मीडिया अकाउंट भारतीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के इरादे से आनलाइन फर्जी समाचार फैला रहे हैं। वे टेलीविजन चैनलों से क्लिप्स का चयनात्मक उपयोग करके फर्जी नैरेटिव प्रस्तुत करते हैं। यह भी पता चला है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई देशभर में एक विशाल भर्ती अभियान चलाने और फरीदाबाद में मौजूद मॉड्यूल के समान मॉड्यूल स्थापित करने की साजिश रच रही है। दिल्ली विस्फोटों की जाँच जारी है और यह सुनिश्चित किया गया है कि यह जैश-ए-मोहम्मद का फरीदाबाद मॉड्यूल था जिसने उस आतंकी हमले को अंजाम दिया था।

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