राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सिटी यूनियन बैंक के 120वें स्थापना दिवस पर बैंकिंग क्षेत्र की प्रगति की सराहना

राष्ट्रपति ने जोर दिया कि किसानों का सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था बैंकिंग क्षेत्र की प्राथमिकता होनी चाहिए। समय पर ऋण, वित्तीय जागरूकता और कृषि-तकनीकी पहल से कृषि को टिकाऊ और लाभदायक बनाया जा सकता है।

President Murmu Praises Banking Sector's Progress at City Union Bank's 120th Foundation Day
President Murmu Praises Banking Sector's Progress at City Union Bank's 120th Foundation Day

चेन्नई: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (2 सितंबर, 2025) तमिलनाडु के चेन्नई में सिटी यूनियन बैंक के 120वें स्थापना दिवस समारोह की शोभा बढ़ाई। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और बैंकिंग उद्योग देश के विकास की गाथा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

उन्होंने कहा कि आज बैंक केवल धन के संरक्षक नहीं रह गए हैं, बल्कि वे विविध वित्तीय सेवाएं प्रदान कर रहे हैं और समावेशी व सतत विकास में योगदान दे रहे हैं। वित्तीय समावेशन को विकास का महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को किफायती वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना आवश्यक है। उन्होंने विश्वास जताया कि सिटी यूनियन बैंक जैसे संस्थान इस दिशा में अहम योगदान दे रहे हैं।

राष्ट्रपति ने बताया कि भारत जैसे विकासशील देश में बड़ी आबादी अब भी ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहती है, जहां औपचारिक बैंकिंग तक पहुंच सीमित है। उन्होंने सराहना की कि सिटी यूनियन बैंक ने वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। साथ ही उन्होंने कहा कि बैंक और फिनटेक कंपनियां वंचित समुदायों को मोबाइल ऐप, सूक्ष्म ऋण, बीमा उत्पाद और डिजिटल वॉलेट जैसी सुविधाएं प्रदान कर रही हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रगति के बावजूद डिजिटल साक्षरता, इंटरनेट की पहुंच और वित्तीय जागरूकता जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं। सभी हितधारकों के सामूहिक प्रयासों से लोगों को प्रौद्योगिकी, डिजिटल और वित्तीय साक्षरता के जरिए बैंकिंग सेवाओं से बेहतर ढंग से जोड़ा जा सकता है।

राष्ट्रपति ने जोर दिया कि किसानों का सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था बैंकिंग क्षेत्र की प्राथमिकता होनी चाहिए। समय पर ऋण, वित्तीय जागरूकता और कृषि-तकनीकी पहल से कृषि को टिकाऊ और लाभदायक बनाया जा सकता है। एमएसएमई को विकास का इंजन बनाने में भी बैंक अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने दिहाड़ी मजदूरों और प्रवासी मजदूरों को बैंकिंग से जोड़ने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बताई।

अंत में, राष्ट्रपति ने कहा कि जैसे-जैसे डिजिटल और ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था का विस्तार हो रहा है, डिजिटल परिवर्तन और उद्यमिता में बैंकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो रही है। स्टार्ट-अप से लेकर स्मार्ट सिटी तक, बैंक एक विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय भागीदार बन सकते हैं।

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