राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आदिवासी नेताओं से की मुलाकात, कहा- ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ सशक्त भारत की दिशा में बड़ा कदम

राष्ट्रपति ने आदिवासी भाषाओं और संस्कृति को संरक्षित करते हुए उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने हाल ही में लॉन्च किए गए ‘आदि वाणी’ नामक एआई-आधारित अनुवाद उपकरण पर प्रसन्नता व्यक्त की।

President Droupadi Murmu Praises 'Adi Karmayogi Abhiyan' During Meeting with Tribal Leaders
President Droupadi Murmu Praises 'Adi Karmayogi Abhiyan' During Meeting with Tribal Leaders

नई दिल्ली: विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले जनजातीय लोगों के एक समूह ने आज (9 सितंबर, 2025) राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। यह मुलाकात जनजातीय कार्य मंत्रालय के ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ के तहत आयोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य जनजातीय समुदाय और देश के भविष्य को आकार देने की दिशा में संवाद और सहयोग को बढ़ावा देना है। यह इस अभियान के तहत बैठकों की श्रृंखला की अंतिम कड़ी थी।

जनजातीय समुदाय को विकास का सह-निर्माता बनाने पर जोर

राष्ट्रपति ने कहा कि ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ एक समावेशी और समतामूलक भारत के निर्माण की दिशा में एक अनोखा प्रयास है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि जनजातीय समुदाय न केवल विकास के लाभार्थी बनें, बल्कि राष्ट्र के भविष्य के सह-निर्माता भी बनें। उन्होंने बताया कि इस अभियान के जुलाई में लॉन्च होने के बाद से, एक लाख गांवों में 20 लाख से अधिक ‘आदि-कर्मयोगियों’ को प्रेरित किया जा रहा है।

अधिकारों और प्रतिनिधित्व को सशक्त बनाने की बात

राष्ट्रपति ने ‘वन अधिकार अधिनियम’ को सामाजिक न्याय और पर्यावरण संरक्षण का एक महत्वपूर्ण साधन बताया। उन्होंने कहा कि सच्चा सशक्तिकरण केवल योजनाओं से नहीं आता है, बल्कि लोगों के अधिकारों की मान्यता, उनके सम्मान और आदिवासी समुदायों के प्रतिनिधित्व से मजबूत होता है। उन्होंने जनजातीय समुदाय के सदस्यों से अपनी विकास यात्रा की सक्रिय जिम्मेदारी लेने और व्यवस्थाओं को जवाबदेह बनाने का आग्रह किया।

प्रौद्योगिकी और संस्कृति का संगम

राष्ट्रपति ने आदिवासी भाषाओं और संस्कृति को संरक्षित करते हुए उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने हाल ही में लॉन्च किए गए ‘आदि वाणी’ नामक एआई-आधारित अनुवाद उपकरण पर प्रसन्नता व्यक्त की। सितंबर 2025 में लॉन्च किया गया ‘आदि वाणी’ का बीटा संस्करण, दुनिया का पहला एआई-संचालित स्वदेशी भाषा सेतु उपकरण है, जो भारत में आदिवासी समूहों के सामाजिक समावेशन और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग करता है।

बैठक के दौरान, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम और जनजातीय कार्य राज्य मंत्री दुर्गादास उइके भी उपस्थित थे।

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