गोरखपुर, उत्तर प्रदेश: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आज (1 जुलाई, 2025) उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि यह आयुष विश्वविद्यालय हमारी समृद्ध प्राचीन परंपराओं का एक प्रभावशाली आधुनिक केंद्र है। उन्होंने इसे न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे देश में चिकित्सा शिक्षा और सेवाओं के विकास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। राष्ट्रपति ने खुशी व्यक्त की कि विश्वविद्यालय में विकसित उन्नत सुविधाएं अब बड़ी संख्या में लोगों के लिए उपलब्ध हैं, और इससे संबद्ध लगभग 100 आयुष कॉलेज भी इसकी उत्कृष्टता का लाभ उठा रहे हैं।
अपने सार्वजनिक जीवन के अनुभवों का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि लोगों की मदद के लिए सुख-सुविधाओं का त्याग करना पड़ता है। उन्होंने जन कल्याण के प्रति समर्पण के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की, जिनके अथक प्रयासों से क्षेत्र में स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि संबंधी बुनियादी ढांचे का विकास हुआ है। उन्होंने प्रशासकों, डॉक्टरों और नर्सों से जनप्रतिनिधियों द्वारा शुरू किए गए कल्याणकारी उपायों को आगे बढ़ाने का आग्रह किया, और सभी को अपने पेशे में प्रवेश करते समय किए गए वादे पर आत्मनिरीक्षण करने की सलाह दी।
वसुधा का नेता कौन हुआ? भूखण्ड-विजेता कौन हुआ?
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 1, 2025
अतुलित यश क्रेता कौन हुआ? नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ?
जिसने न कभी आराम किया, विघ्नों में रहकर नाम किया।
इसकी साक्षात प्रतिमूर्ति मा. राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी हैं।
आपके आशीर्वचनों एवं मार्गदर्शन हेतु कोटि-कोटि आभार मा.… pic.twitter.com/gtBbxPQIpd
राष्ट्रपति ने ‘स्वास्थ्य ही धन है’ की कहावत को दोहराते हुए लोगों से खुद को स्वस्थ बनाए रखने के लिए हर कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। उन्होंने योग को शारीरिक परिश्रम कम करने वाले और बैठे रहने वाले लोगों के लिए बहुत फायदेमंद बताया और नियमित रूप से योग करने की सलाह दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा और सिद्ध जैसी प्राचीन भारतीय प्रणालियाँ समग्र और सार्थक जीवन जीने के वैज्ञानिक तरीकों का वर्णन करती हैं। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद पर आधारित हमारी प्राचीन जीवनशैली में संतुलित आहार, जीवनशैली और विचारों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। उन्होंने जोर दिया कि आयुर्वेद हमारी धरती से जुड़ा हुआ है, और हमारे खेत व जंगल औषधीय पौधों व जड़ी-बूटियों का खजाना हैं। उन्होंने आयुष प्रणालियों को विश्व समुदाय को भारत का अनमोल उपहार बताया।
मा. राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी की गरिमामयी उपस्थिति में उत्तर प्रदेश की मा. राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी के साथ आज 'महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर' में लोकार्पण एवं शिलान्यास हेतु आयोजित समारोह में सहभाग किया।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 1, 2025
मा. राष्ट्रपति जी ने 'एक पेड़ माँ के नाम'… pic.twitter.com/tZCbSxWjKd
राष्ट्रपति ने कहा कि आयुष पद्धतियों पर आधारित चिकित्सा की लोकप्रियता बढ़ रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय आयुष पद्धतियों की लोकप्रियता को और बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ऐसे विश्वविद्यालयों को इन पद्धतियों की वैज्ञानिक स्वीकार्यता बढ़ाने में निर्णायक भूमिका निभानी होगी।
President Droupadi Murmu inaugurated and laid the foundation stone for various projects of Mahayogi Gorakhnath University at Gorakhpur, Uttar Pradesh. The President was happy to note that this University has become a major centre of higher education and employment-oriented… pic.twitter.com/vxlA32zs2S
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 1, 2025
