वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने ‘भारत बिल्डकॉन 2026’ का किया शुभारंभ, बोले- ‘निर्यात पिछले साल से ज्यादा होगा’

गोयल ने गत वर्ष भारत बिल्डकॉन के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई देते हुए, कहा कि यह उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम ने न्यूनतम सरकारी भागीदारी के साथ इतनी सफलता हासिल की।

Piyush Goyal Launches 'Bharat Buildcon 2026', Says Exports to Exceed Last Year's Figures
Piyush Goyal Launches 'Bharat Buildcon 2026', Says Exports to Exceed Last Year's Figures

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में भारत बिल्डकॉन 2026 के लिए पूर्वावलोकन समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर देश भर के उद्योग जगत के अग्रणी व्यक्ति भी उपस्थित थे।

गोयल ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि उद्योग जगत को कुछ देशों की एकपक्षीय कार्रवाइयों से उत्पन्न अनावश्यक तनाव या कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। उन्होंने उद्योग प्रतिनिधियों से उन क्षेत्रों पर प्रकाश डालने का आग्रह किया जहाँ वैकल्पिक बाज़ारों की आवश्यकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वाणिज्य मंत्रालय नए अवसरों के लिए विश्व भर में भागीदारों से संपर्क कर रहा है।

पीयूष गोयल ने बल देकर कहा कि वैश्विक पहुँच के साथ-साथ घरेलू खपत को प्रोत्साहन देना हमारी प्राथमिकता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि आगामी जीएसटी परिषद की बैठक में ऐसे उपाय सुझाए जाने की उम्मीद है जो माँग में तेज़ी से वृद्धि करेंगे और और घरेलू विनिर्माण को मजबूत प्रोत्साहन देंगे।

मंत्री महोदय ने कहा कि केंद्र सरकार उद्योग जगत को अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों तक पहुँच बनाने और घरेलू अवसरों को मज़बूत करने जैसे सभी क्षेत्रो में सहयोग देने पर केंद्रित है,जिससे हर क्षेत्र को सहायता मिले। उन्होंने गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली (क्यूसीओ) में सक्रिय भागीदारी को भी प्रोत्साहित किया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि भारत उच्च-गुणवत्ता वाले उत्पादों का एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता बनकर उभरे।

पीयूष गोयल ने भारत की बढ़ती वैश्विक स्थिति को रेखांकित करते हुए विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इस वर्ष का निर्यात गत वर्ष की तुलना में अधिक होगा, जो भारतीय उद्योग की बढ़ती प्रतिस्पर्धात्मकता और दृढ़ता को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2014 से निरंतर “शून्य दोष, शून्य प्रभाव” विनिर्माण के आह्वान का संदर्भ देते हुए, उन्होंने स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के उस संदेश को याद किया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारतीय उत्पादो में “दाम-कम, दम ज़्यादा” होने चाहिए – अर्थात किफ़ायती होने के साथ-साथ शक्तिशाली भी। गोयल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि अवसंरचना ढाँचा राष्ट्रीय विकास के केंद्रबिंदु में बना हुआ है।

गोयल ने बल देकर कहा कि कुछ विशेषज्ञ और मीडिया भारत की क्षमता को सही ढंग से नहीं समझ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहाँ कुछ विश्लेषक देश की क्षमता को कम आंकते हैं, वहीं भारतीय उद्योग जगत की दृढ़ता, इसके स्टार्टअप्स की शक्ति और लोगों का आत्मविश्वास कुछ और ही कहानी बयां करते हैं। भारत ने कोविड-19 और यहाँ तक कि परमाणु प्रतिबंधों जैसी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है और आज वह मज़बूती से खड़ा है और वैश्विक व्यापार में अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए तत्पर है।

मंत्री महोदय ने ऑस्ट्रेलिया में घरों की भारी कमी की ओर भी ध्यान आकर्षित किया, जहाँ लगभग 10 लाख घरों की आवश्यकता है। उन्होंने भारतीय व्यवसायों, श्रमिकों और विशेषज्ञों को इस अवसर का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि ऑस्ट्रेलिया भारत से वित्तीय सहयोग, तकनीकी विशेषज्ञता और कार्यबल सहयोग के लिए तैयार है। भारतीय पेशेवरों को ऑस्ट्रेलियाई मानकों पर खरा उतरने के लिए प्रशिक्षण और प्रमाणन के अवसर भी प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर हम इस अवसर को गँवा देते हैं, तो इसके लिए हम स्वयं ही दोषी होंगे।” उन्होंने इसे भारत के निर्माण और वित्तीय क्षेत्रों के लिए एक संभावित परिवर्तनकारी बदलाव बताया।

गोयल ने ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, स्विट्ज़रलैंड, नॉर्वे, लिकटेंस्टीन, आइसलैंड और यूके सहित विकसित देशों के साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) के बढ़ते नेटवर्क पर प्रकाश डाला, और यूरोपीय संघ व अन्य देशों के साथ बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि ये समझौते निर्माण, इस्पात और संबद्ध क्षेत्रों जैसे भारतीय उद्योगों के लिए वैश्विक अवसर खोलेंगे।

गोयल ने आगे बताया कि कई विकसित देश भारत के साथ व्यापार संबंधों को गहरा करने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने बताया कि कतर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देशों ने भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) करने में गहरी रुचि दिखाई है। उन्होंने बल देकर कहा कि ऐसी भागीदारी न केवल भारत के निर्यात अवसरों और वैश्विक बाज़ार एकीकरण को प्रोत्साहन देंगी, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा और विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने के देश के प्रयासों में भी सहायक होंगी।

गोयल ने गत वर्ष भारत बिल्डकॉन के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई देते हुए, कहा कि यह उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम ने न्यूनतम सरकारी भागीदारी के साथ इतनी सफलता हासिल की। ​​उन्होंने उद्योग जगत के अग्रणी व्यक्तियों को भारत बिल्डकॉन 2026 को एक आत्मनिर्भर, उद्योग-प्रधान पहल बनाने के लिए प्रोत्साहित किया , जिसमें ज़रूरत पड़ने पर ही सरकारी सहायता उपलब्ध करायी जाए।

मंत्री महोदय ने सुझाव दिया कि वर्ष 2026 का आयोजन केवल राजधानी तक ही सीमित न रहकर, क्षेत्र की संभावनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए देश के अन्य भागों में भी किया जाना चाहिए। उन्होंने आयोजकों से आग्रह किया कि वे सभी संबद्ध क्षेत्रों की व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करें, पूर्व प्रतिभागियों के लिए एक फीडबैक प्रणाली तैयार करें और इस आयोजन को वास्तव में एक वैश्विक कार्यक्रम बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों को सम्मिलित करें।

उन्होंने इस्पात और लौह अयस्क में व्यापक निर्यात क्षमता पर भी प्रकाश डाला और कहा कि भारत प्रतिवर्ष 15 मिलियन टन इस्पात का निर्यात कर सकता है, जिससे उच्च गुणवत्ता वाले, प्रतिस्पर्धी मूल्य वाले उत्पादों के साथ उसका निर्यात मजबूत होगा।

गोयल ने कहा, “आइए हम ऐसे अवसंरचना ढांचे का निर्माण करें जो भारत को एक साथ जोड़े।” उन्होंने कहा कि देश के विकसित भारत की ओर अग्रसर होने को देखते हुए भारत बिल्डकॉन 2026 भारत की शक्ति, नवाचार, दृढ़ता और प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रदर्शित करेगा।

29 अप्रैल से 2 मई, 2026 तक यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित होने वाले भारत बिल्डकॉन को भवन एवं निर्माण सामग्री उद्योग के लिए भारत के प्रमुख अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। भारत का भवन एवं निर्माण बाजार 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का है और इसमें लाखों लोग कार्यरत हैं। यह आयोजन सीमेंट, सिरेमिक, टाइल्स, सैनिटरीवेयर, पेंट, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल्स आदि सहित 37 संबद्ध क्षेत्रों में भारत की क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए एक वन-स्टॉप मंच प्रदान करेगा।

यह प्रदर्शनी अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारतीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने, निर्यात को बढ़ावा देने, निवेश आकर्षित करने और भारत को एक विश्वसनीय वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

इस उद्घाटन समारोह के साथ, भारत बिल्डकॉन 2026 को न केवल एक प्रदर्शनी के रूप में बल्कि निर्माण क्षेत्र में भारत की वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करने और देश को इसके विकास के दृष्टिकोण की ओर अग्रसर करने में एक अहम कार्यक्रम के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।

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