ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय 105 एमएम गन लाल किले से अपनी धमक फिर से सुनाएगी। तोपों की सलामी और स्वतंत्रता दिवस की तैयारी पूरे जोश के साथ हो रही है। इस बार लाइट फील्ड गन से 21 तोपों की सलामी दी जाएगी, जिसे पिछले 3 सालों से हर स्वतंत्रता दिवस समारोह में इस्तेमाल किया जा रहा है।
ध्वजारोहण के दौरान 52 सेकंड में 21 राउंड फायर किए जाएंगे। इससे पहले, ब्रिटिश 25 पाउंडर गन से सलामी दी जाती थी। यह भारत की स्वदेशी गन है, जिसके दो वेरिएंट हैं – इंडियन फील्ड गन और लाइट फील्ड गन। लाइट फील्ड गन वजन में इंडियन फील्ड से हल्की है, जिससे इसे हेलिकॉप्टर के जरिए आसानी से किसी भी दुर्गम इलाके में तैनात किया जा सकता है।
इसकी मारक क्षमता 16 से 20 किलोमीटर है और यह एक मिनट में 6 राउंड फायर कर सकती है। यह गन 1982 से भारतीय सेना में शामिल है, और इसका निर्माण ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने किया है।
