ऑपरेशन सिंदूर में 23 स्वदेशी AI ऐप्स ने हर मूवमेंट की दी रियल-टाइम खबर, सेना को मिली निर्णायक बढ़त

त्रिनेत्र सिस्टम के माध्यम से टेक्टिकल और ऑपरेशनल स्तर पर एक साझा ऑपरेशनल और इंटेलिजेंस पिक्चर तैयार की गई। इससे तीनों सेनाओं के संसाधनों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित हुआ। कमांडरों को एक साथ एक जैसी तस्वीर दिखने से फैसले लेने में तेजी आई।

'Operation Sindoor': 23 Indigenous AI Apps Provided Real-Time Intel, Giving Army Decisive Edge
'Operation Sindoor': 23 Indigenous AI Apps Provided Real-Time Intel, Giving Army Decisive Edge

नई दिल्ली: भारतीय सेना ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुश्मन पर निर्णायक बढ़त हासिल करने के लिए अपनी खुद की तैयार की गई स्वदेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीकों का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया। सेना के डीजी ईएमई, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव कुमार साहनी ने बताया कि इस ऑपरेशन में कुल 23 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एप्लिकेशन का उपयोग किया गया, जिससे भारतीय सेना को युद्ध के मैदान की पूरी और सटीक तस्वीर मिली। लेफ्टिनेंट जनरल साहनी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान डीजी इंफॉर्मेशन सिस्टम्स थे।

उन्होंने स्पष्ट किया कि चीन की AI क्षमताओं को लेकर भले ही अलग-अलग धारणाएँ हों, लेकिन भारतीय सेना राष्ट्रीय सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए मजबूत और स्वदेशी AI तकनीकों को लगातार विकसित कर रही है और पूरी तरह तैयार है।

AI ने कैसे बढ़ाई सेना की ऑपरेशनल क्षमता?

लेफ्टिनेंट जनरल साहनी ने बताया कि इन स्वदेशी AI एप्लिकेशंस ने कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारतीय सेना की मदद की:

स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सिस्टम

एक स्वदेशी रूप से विकसित AI एप्लिकेशन को सभी खुफिया एजेंसियों की जरूरतों के अनुसार संशोधित किया गया। इसके जरिए दुश्मन के सेंसरों का पता लगाने में बहुत मदद मिली, जिससे हमारी खुफिया जानकारी मजबूत हुई।

सटीक निशाना साधने की क्षमता (Precision Targeting)

लंबी दूरी के हथियारों के लिए AI आधारित मौसम रिपोर्टिंग सिस्टम का उपयोग किया गया। इस विस्तृत और सटीक मौसम रिपोर्ट की मदद से दुश्मन के ठिकानों पर सटीक निशाना साधना संभव हो पाया।

साझा ऑपरेशनल पिक्चर (त्रिनेत्र)

त्रिनेत्र सिस्टम के माध्यम से टेक्टिकल और ऑपरेशनल स्तर पर एक साझा ऑपरेशनल और इंटेलिजेंस पिक्चर तैयार की गई। इससे तीनों सेनाओं के संसाधनों के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित हुआ। कमांडरों को एक साथ एक जैसी तस्वीर दिखने से फैसले लेने में तेजी आई।

खतरों की भविष्यवाणी

AI के जटिल मॉडल का उपयोग करके समय, स्थान और संसाधनों के तालमेल में आने वाले खतरों की भविष्यवाणी की गई। इस मॉडल ने सही समय पर सही जगह पर सैन्य संसाधनों को तैनात करने में मदद की।

मल्टी-सेंसर डेटा फ्यूजन

मल्टी-सेंसर डेटा फ्यूजन और मल्टी-सोर्स डेटा फ्यूजन जैसी तकनीकों से अलग-अलग स्रोतों से मिली जानकारी को लगभग वास्तविक समय (Real Time) में जोड़ा गया। इसने कमांडरों को युद्धक्षेत्र की स्थिति को तुरंत समझने और उसे संचालित करने में बड़ी सुविधा दी, जिससे दुश्मन पर रणनीतिक बढ़त हासिल हुई।

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