‘ऑपरेशन मेड मैक्स’: NCB ने ग्लोबल ड्रग कार्टेल का किया भंडाफोड़, 8 गिरफ्तार, 4 महाद्वीपों में कार्रवाई, अमित शाह ने दी बधाई

ऑर्डर मॉड्यूल एक प्रमुख B2B प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से कार्य करता था, जहाँ हैंडलर्स ने प्रीमियम विक्रेता श्रेणियों की सदस्यता ली थी ताकि विजिबिलिटी बढ़े और संभावित खरीदार आकर्षित हो सकें।

'Operation Med Max': NCB Busts Global Drug Cartel, 8 Arrested Across 4 Continents
'Operation Med Max': NCB Busts Global Drug Cartel, 8 Arrested Across 4 Continents

नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और अन्य एजेंसियों को ‘ऑपरेशन मेड मैक्स’ के तहत एक ग्लोबल ड्रग कार्टेल का भंडाफोड़ करने पर बधाई दी है। श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार हर ड्रग गिरोह को खत्म करने और देश के युवाओं की रक्षा करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

श्री अमित शाह ने ‘एक्स’ प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में कहा कि यह जांच मल्टीएजेंसी समन्वय का एक शानदार उदाहरण पेश करती है, जिसके परिणामस्वरूप 8 गिरफ्तारियां हुई हैं और 5 खेप जब्त की गई हैं। यह गिरोह 4 महाद्वीपों और 10 से अधिक देशों में संचालित था, जिसके खिलाफ अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी कार्रवाई हुई है। गृह मंत्री ने बताया कि हमारी एजेंसियां इन गिरोहों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले क्रिप्टो भुगतान और गुमनाम ड्रॉप शिपर्स जैसे तरीकों की लगातार निगरानी कर रही हैं।

‘ऑपरेशन मेड मैक्स’: अवैध दवा व्यापार के खिलाफ व्यापक कार्रवाई

अवैध दवा व्यापार के खिलाफ अब तक की सबसे व्यापक कार्रवाइयों में से एक के तहत, एनसीबी मुख्यालय की ऑपरेशंस यूनिट ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी सिंडिकेट को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया है। यह सिंडिकेट एन्क्रिप्टेड डिजिटल प्लेटफॉर्म, ड्रॉप शिपिंग मॉडल और क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर चार महाद्वीपों में नियंत्रित दवाओं की तस्करी कर रहा था। नई दिल्ली की बंगाली मार्केट के पास वाहनों की जांच की एक नियमित प्रक्रिया के रूप में शुरू हुई यह कार्रवाई एक परिष्कृत आपराधिक नेटवर्क को उजागर करने में बदल गई, जो भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में फैला हुआ था। यह अवैध फार्मा नेटवर्क की वैश्विक पहुंच और समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रवर्तन कार्रवाइयों का नेतृत्व करने की एनसीबी की क्षमता को दर्शाता है। इस ऑपरेशन ने 04 महाद्वीपों और 10 से अधिक देशों में फैले एक वैश्विक नेटवर्क का खुलासा किया।

जांच की कड़ी: दिल्ली से अलबामा तक

25 मई 2025 को गुप्त सूचना के आधार पर, एनसीबी मुख्यालय की ऑपरेशन्स टीम ने दिल्ली में मंडी हाउस के पास एक कार को रोका और उसमें सवार दो व्यक्तियों, जो नोएडा के एक प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालय से बी. फार्मा स्नातक थे, को पकड़ा। उनके कब्जे से 3.7 किलोग्राम ट्रामाडोल (Tramadol) टैबलेट जब्त की गईं।

पकड़े गए व्यक्तियों ने स्वीकार किया कि वे एक प्रमुख भारतीय B2B प्लेटफॉर्म पर वेंडर प्रोफाइल संचालित कर रहे थे, जहां से वे अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया में ग्राहकों को फार्मास्यूटिकल गोलियां बेचते थे। पूछताछ से प्राप्त सुरागों ने जांच टीम को रुड़की में एक स्टॉकिस्ट तक पहुंचाया। जिसके बाद दिल्ली के मयूर विहार में एक प्रमुख सहयोगी को गिरफ्तार किया गया, जिसने कर्नाटक के उडुपी में एक संपर्क का खुलासा किया, जो अमेरिका के लिए थोक ऑर्डर और शिपमेंट का इंतजाम करता था।

उडुपी से एनसीबी ने 50 अंतरराष्ट्रीय खेपों के डेटा का पता लगाया, जिसमें शामिल थे:

  • अमेरिका से अमेरिका तक 29 पैकेज
  • ऑस्ट्रेलिया से ऑस्ट्रेलिया तक 18 पैकेज
  • एस्टोनिया, स्पेन और स्विट्जरलैंड को 1-1 पैकेज

उपरोक्त जानकारी वैश्विक समकक्षों और इंटरपोल के साथ साझा की गई, जिसके परिणामस्वरूप अमेरिका के अलबामा में अमेरिका के ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (US DEA) द्वारा एक थोक री-शिपर और मनी लॉन्डरर की पहचान और गिरफ्तारी हुई, साथ ही नियंत्रित दवाओं का एक विशाल भंडार जब्त किया गया।

गोपनीयता के लिए बनाया गया नेटवर्क और अंतरराष्ट्रीय सहयोग

इस सिंडिकेट ने टेलीग्राम जैसे एन्क्रिप्टेड संचार प्लेटफॉर्म पर काम किया, क्रिप्टोकरेंसी, पेपैल (PayPal) और वेस्टर्न यूनियन के माध्यम से भुगतान प्राप्त किया, और मामले का खुलासा होने से बचाव के लिए अनाम अंतरराष्ट्रीय ड्रॉप शिपर्स का उपयोग किया। डिजिटल फोरेंसिक जांच से नई दिल्ली और जयपुर से दो और भारतीय नागरिकों की गिरफ्तारी हुई, जो लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति-संबंधी कार्यों को संभालते थे। ऑपरेटरों ने कभी अपने गृह देशों में शिपमेंट नहीं किया और कानूनी परिणामों से बचने के लिए नेटवर्क में अन्य ड्रॉप-शिपर्स के माध्यम से समन्वय किया।

अंतरराष्ट्रीय संबंधों और वित्त से जुड़े कामकाज देखने वाले मुख्य सरगना की पहचान हो चुकी है और वह संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में स्थित है। एनसीबी यूएई के अधिकारियों के साथ मिलकर सक्रिय रूप से काम कर रहा है।

ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में भी कार्रवाई

ऑस्ट्रेलिया में एक गुप्त गोली निर्माण इकाई (pill manufacturing facility) का भी पता चला, जो इस सिंडिकेट से सीधे जुड़ी थी। ऑस्ट्रेलिया में कानून प्रवर्तन एजेंसी ने इस इकाई को सफलतापूर्वक ध्वस्त कर दिया है, और अन्य क्षेत्रों में ऑपरेशन अभी भी जारी हैं।

अमेरिका में भी, भारत के एनसीबी द्वारा साझा की गई खुफिया जानकारी से उत्पन्न एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, अमेरिकी ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (US DEA) ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क के एक प्रमुख सरगना को पकड़ा है। अलबामा में स्थित एक प्रमुख री-शिपर, जोएल हॉल, को समन्वित ऑपरेशन के बाद गिरफ्तार किया गया, जिसके परिणामस्वरूप 17,000 से अधिक नियंत्रित दवाओं की गोलियां जब्त की गईं। इस कार्रवाई के दौरान, अधिकारियों ने सिंडिकेट से जुड़े कई क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट और सक्रिय पार्सल भी उजागर किए, जो एक परिष्कृत और तकनीक-सक्षम तस्करी ऑपरेशन की ओर इशारा करते हैं।

इस सफलता के साथ, नेटवर्क में एक प्रमुख मनी लॉन्डरर के रूप में पहचाने गए एक भारतीय-अमेरिकी व्यक्ति को अब अमरीका में अभियोग का सामना करना पड़ रहा है, जो इस अवैध कारोबार की वित्तीय रीढ़ को तोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ-साथ, यूएस डीईए ने पांच पार्सलों को सफलतापूर्वक रोका, जिसके परिणामस्वरूप लगभग 700 ग्राम ज़ोलपिडेम (Zolpidem) टैबलेट बरामद की गई।

मोडस ऑपरेंडी: परिष्कृत वैश्विक नेटवर्क का पर्दाफाश

जांच में खुलासा हुआ है कि इस अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क का मास्टरमाइंड यूएई से नेटवर्क का संचालन कर रहा था। वह ऑर्डर और सप्लाई मॉड्यूल दोनों को अत्यंत समन्वय और गोपनीयता से चला रहा था।

ऑर्डर मॉड्यूल एक प्रमुख B2B प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से कार्य करता था, जहाँ हैंडलर्स ने प्रीमियम विक्रेता श्रेणियों की सदस्यता ली थी ताकि विजिबिलिटी बढ़े और संभावित खरीदार आकर्षित हो सकें। बिक्री से जुड़ी जानकारियों के प्रबंधन के लिए इस समूह ने उडुपी में एक पूर्ण रूप से कार्यशील कॉल सेंटर संचालित किया, जिसमें लगभग 10 कर्मचारी कार्यरत थे (इनमें से कई को इस अवैध गतिविधि की जानकारी नहीं थी)।

एक बार ऑर्डर की पुष्टि हो जाने पर, अग्रिम भुगतान क्रिप्टोकरेंसी में एकत्र किए जाते थे, जिन्हें सप्लाई मॉड्यूल ऑपरेटरों को 10-15% कमीशन काटने के बाद भेजा जाता था। सप्लाई मॉड्यूल फिर आगे 10% काटकर निर्दिष्ट देशों में स्थित री-शिपरों को भुगतान करता था, जो नियंत्रित पदार्थों की फाइनल डिलीवरी का काम संभालते थे।

अपने संचालन का विस्तार करने के एक सोचे-समझे कदम के तहत, नियमित खरीदारों को री-शिपर या स्टॉक्सिस्ट के रूप में तैयार और भर्ती किया गया, जिससे यह नेटवर्क सीमा पार स्वाभाविक रूप से फैलता गया। एनसीबी के अंतरराष्ट्रीय समकक्षों द्वारा कई ऐसे स्टॉक्सिस्ट की पहचान की जा चुकी है और उनके खिलाफ कार्रवाई सक्रिय रूप से चल रही है।

यह जटिल नेटवर्क आधुनिक अवैध व्यापार में डिजिटल प्लेटफॉर्म, क्रिप्टोकरेंसी और सीमा-पार लॉजिस्टिक्स के बढ़ते मेल को दर्शाता है और ऐसे अभियानों से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग और खुफिया जानकारी साझा करने के महत्व को उजागर करता है।

वित्तीय और साइबर जांच जारी

अब तक 08 गिरफ्तारियाँ हो चुकी हैं। क्रिप्टो वॉलेट तथा हवाला चैनलों से जुड़े वित्तीय लेन-देन की जांच भी जारी है। एनसीबी अवैध ऑनलाइन फार्मेसियों के प्रसार को रोकने के लिए निजी क्षेत्र के प्लेटफार्मों के साथ भी संपर्क में है, जो खुलेआम नियंत्रित दवाओं की बिक्री का प्रचार कर रही हैं।

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