नई दिल्ली: केंद्रीय ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली स्थित एनएएससी कॉम्प्लेक्स के सी. सुब्रमण्यम सभागार में आयोजित ‘वीविंग इंडिया टूगेदर’ राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिस्सा लिया। इस अवसर पर उन्होंने पूर्वोत्तर के बुनकरों और कारीगरों (Weavers & Artisans India) के समृद्ध शिल्प कौशल और सांस्कृतिक विरासत की प्रशंसा की।
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुनाई परंपराओं को बढ़ावा देने, कारीगरों को प्रशिक्षित करने और सामुदायिक शिल्प (Handicrafts India) के लिए आर्थिक अवसर प्रदान करने में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, इम्फाल के प्रयासों की भी सराहना की।
इस कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR India) के महानिदेशक और डेयर सचिव डॉ. मांगी लाल जाट तथा उपमहानिदेशक कृषि विस्तार डॉ. राजबीर सिंह भी उपस्थित रहे। उन्होंने कारीगरों को अपने अनुभव, चुनौतियाँ और आकांक्षाएँ साझा करने का मंच प्रदान किया।
An Interaction Session with Weavers and Artisans was organised during the National Conclave on “Weaving India Together” at NASC Complex #NewDelhi.
— PIB in Assam (@PIB_Guwahati) October 8, 2025
Hon’ble Union Minister Shri @ChouhanShivraj interacted with artisans and weavers from the NE region and lauded their rich… pic.twitter.com/4tDOVnmiYX
कार्यक्रम ने नीति निर्माताओं और अधिकारियों को परंपरागत शिल्प कौशल (Traditional Craft Skills India) और आधुनिक बाजारों के बीच तालमेल बनाने पर विचार-विमर्श करने का अवसर दिया। इस संगोष्ठी ने ग्रामीण कारीगरों के समावेशी विकास (Inclusive Development India) के माध्यम से वोकल फॉर लोकल (Vocal for Local India) और आत्मनिर्भर भारत (Self-Reliant India) के दृष्टिकोण को और भी मजबूती दी।
संगोष्ठी के माध्यम से कारीगरों को अपने हुनर और आर्थिक संभावनाओं को बढ़ावा देने का अवसर मिला, साथ ही यह पहल भारतीय ग्रामीण विकास (Rural Development India) और हस्तशिल्प उद्योग (Handicraft Industry India) को नई दिशा देने में सहायक साबित होगी।
