प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय एकता दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और देशवासियों को एकता की शपथ दिलाई। श्रद्धांजलि के बाद उन्होंने ‘राष्ट्रीय एकता दिवस परेड’ का निरीक्षण किया, जो इस बार गणतंत्र दिवस की तर्ज पर बेहद भव्य अंदाज़ में आयोजित की गई थी। इसमें देशभर से आई झांकियों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और ‘रन फॉर यूनिटी’ जैसे कार्यक्रमों ने भारत की विविधता में एकता की भावना को उजागर किया। इस साल की परेड का विशेष आकर्षण विभिन्न राज्यों की झलकियां और युवाओं का उत्साह रहा।
2014 से हर साल मनाया जा रहा है राष्ट्रीय एकता दिवस
राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत साल 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हुई थी। 31 अक्टूबर को हर वर्ष यह दिन लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के अद्भुत योगदान को याद करने के लिए मनाया जाता है। सरदार पटेल को Iron Man of India कहा जाता है, जिन्होंने आज़ादी के बाद भारत की 562 रियासतों को एकजुट कर अखंड भारत का निर्माण किया। उनके दृढ़ निश्चय, नेतृत्व और राजनीतिक कौशल ने भारत के नक्शे को एक स्वरूप में गढ़ा। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “अगर सरदार साहब न होते, तो आज भारत इस स्वरूप में एक नहीं होता।”
Here are some more glimpses from the Ekta Parade in Kevadia. pic.twitter.com/qeZ6PYgn7Y
— Narendra Modi (@narendramodi) October 31, 2025
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनी श्रद्धा का प्रतीक
31 अक्टूबर 2018 को प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के केवड़िया में 182 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी राष्ट्र को समर्पित की थी। यह न केवल भारत की, बल्कि दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है, जो सरदार पटेल के साहस और एकता के संदेश को अमर करती है। हर साल यहां लाखों पर्यटक पहुंचते हैं। इस वर्ष सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर यहां विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रकाश सज्जा और देशभर के कलाकारों की प्रस्तुतियां आयोजित की गईं। पीएम मोदी ने कहा, “यह मूर्ति सिर्फ एक प्रतिमा नहीं, बल्कि हर भारतीय के दिल में देश की एकता का जज़्बा जगाने वाली प्रेरणा है।”
परेड में झलकी देश की सांस्कृतिक एकता
इस साल की परेड में भारत की विविध संस्कृति का मनमोहक प्रदर्शन देखने को मिला। राजस्थान की लोकनृत्य टोली, असम के बिहू कलाकार, तमिलनाडु की पारंपरिक झांकी और जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक झलक ने सबका दिल जीत लिया। बीएसएफ के ऊंट सवारी दस्ते और एनएसजी कमांडो ने परेड में अपने पराक्रम और स्वदेशी तकनीक का शानदार प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “भारत की विविधता हमारी शक्ति है और यही सरदार पटेल के भारत का असली स्वरूप है।”
Paid homage to Sardar Vallabhbhai Patel at the ‘Statue of Unity’ in Kevadia.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 31, 2025
SoU is a monumental tribute to Sardar Patel and his vision towards India’s unity and strength. Standing tall as the world’s tallest statue, it is a symbol of national pride and collective resolve to… pic.twitter.com/T4V6YOEDqo
एकता दिवस बना प्रेरणा और गर्व का प्रतीक
प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस हमारे राष्ट्रीय गर्व के प्रतीक हैं, वैसे ही एकता दिवस हमें याद दिलाता है कि हमारी शक्ति एकता में है। उन्होंने बताया कि एकता नगर में स्थित एकता मॉल और एकता गार्डन भारत के विभिन्न राज्यों के सामूहिक सहयोग और भाईचारे की झलक पेश करते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि “देशभर में चल रही ‘रन फॉर यूनिटी’ में करोड़ों भारतीयों की भागीदारी यह साबित करती है कि नया भारत एकजुट होकर आगे बढ़ रहा है।”
“इतिहास लिखो नहीं, इतिहास बनाओ” – सरदार पटेल की प्रेरणा
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार पटेल के एक प्रसिद्ध कथन को दोहराया – “इतिहास लिखने में वक्त मत गंवाओ, इतिहास बनाने की कोशिश करो।” उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की दूरदृष्टि, निर्णय क्षमता और राष्ट्र के प्रति समर्पण हर भारतीय के लिए प्रेरणा है। पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की कि वे समाज में एकता, सद्भाव और समर्पण की भावना को और सशक्त करें — क्योंकि यही सरदार पटेल के सपनों का “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” है।
Rashtriya Ekta Diwas reminds us of Sardar Patel's unmatched dedication to national unity and integration. May the spirit of oneness continue to guide our nation. https://t.co/S7Ad8zCz0B
— Narendra Modi (@narendramodi) October 31, 2025
