भारतीय नौसेना के जहाजों ने ला रियूनियन और मॉरीशस में प्रशिक्षण तैनाती के साथ समुद्री सहयोग को बढ़ाया

आईएनएस शार्दुल मॉरीशस के पोर्ट लुईस में प्रवेश किया, जहां उसने आगमन से पहले एमसीजीएस विक्ट्री और मॉरीशस तटरक्षक डोर्नियर के साथ संयुक्त गश्त और विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) निगरानी की।

Indian Naval Ships Deployed to La Réunion and Mauritius for Training, Boosting Maritime Ties
Indian Naval Ships Deployed to La Réunion and Mauritius for Training, Boosting Maritime Ties

भारतीय नौसेना के पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन (1टीएस) के जहाज आईएनएस तीर और आईसीजीएस सारथी तथा आईएनएस शार्दुल दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी लंबी दूरी की प्रशिक्षण तैनाती के हिस्से के रूप में 08 सितंबर, 2025 को क्रमशः ला रियूनियन और पोर्ट लुईस पहुंचे।

ला रियूनियन में आईएनएस तीर और आईसीजीएस सारथी का स्वागत फ्रांसीसी नौसेना के जहाज एफएस निवोस द्वारा किया गया। इस अवसर पर एक संयुक्त नौसैन्य अभ्यास (पैसेक्स) भी आयोजित किया गया। इस यात्रा में क्रॉस-ट्रेनिंग, संयुक्त डाइविंग अभ्यास, योग सत्र और खेलकूद जैसी गतिविधियां शामिल हैं, जो भारत-फ्रांस नौसैनिक साझेदारी को मजबूत करेंगी। वरिष्ठ अधिकारी ने फ्रांसीसी नौसेना के बेस कमांडर और कमांडेंट सुपीरियर डेस एफएजेडएसओआई से मुलाकात कर क्षेत्रीय सुरक्षा और भविष्य के संयुक्त अभ्यासों पर विचार-विमर्श किया।

आईएनएस शार्दुल मॉरीशस के पोर्ट लुईस में प्रवेश किया, जहां उसने आगमन से पहले एमसीजीएस विक्ट्री और मॉरीशस तटरक्षक डोर्नियर के साथ संयुक्त गश्त और विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) निगरानी की। बंदरगाह पर, कमांडिंग ऑफिसर ने पुलिस आयुक्त, राष्ट्रीय तटरक्षक बल के कमांडेंट और गृह सचिव सहित मॉरीशस के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की, जिससे भारत-मॉरीशस के बीच विश्वास और सहयोग के बंधन सुदृढ़ हुए।

मॉरीशस में आईएनएस शार्दुल के साथ गोताखोरी संचालन, अग्निशमन, क्षति नियंत्रण और परिचयात्मक अभ्यास सहित संयुक्त प्रशिक्षण गतिविधियों की योजना बनाई गई है। सामुदायिक आउटरीच, योग सत्र, सांस्कृतिक कार्यक्रम और मैत्रीपूर्ण खेल आयोजनों के माध्यम से लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा दिया जाएगा। क्रॉस-डेक दौरे, स्कूल भ्रमण और खुले जहाज कार्यक्रम आम जनता व प्रवासी भारतीयों को समुद्री जीवन और भारतीय नौसेना की भूमिका से परिचित करेंगे।

ला रियूनियन और मॉरीशस में पहले प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के समवर्ती आगमन से भारत की समुद्री सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है। यह तैनाती हिंद महासागर क्षेत्र में मैत्री सेतु को सशक्त बनाने और क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करने में भारतीय नौसेना की भूमिका को पुष्ट करती है।

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