प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी सुधारों की घोषणा की: आम आदमी, किसान और एमएसएमई को मिलेगा लाभ

केंद्र सरकार ने यह प्रस्ताव GOM के साथ रचनात्मक और समावेशी संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से साझा किया है।

In Red Fort Speech, PM Modi Unveils GST Reforms, Promising Benefits for the Common Man
In Red Fort Speech, PM Modi Unveils GST Reforms, Promising Benefits for the Common Man

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) एक महत्वपूर्ण सुधार है जिससे देश को लाभ हुआ है। उन्होंने अब जीएसटी में ‘अगली पीढ़ी के सुधारों’ के महत्व पर बल दिया, जिसका उद्देश्य आम आदमी, किसानों, मध्यम वर्ग और एमएसएमई को राहत देना है। ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण के लिए, केंद्र सरकार ने इन सुधारों का प्रस्ताव जीएसटी परिषद द्वारा गठित मंत्रिसमूह (GOM) को भेज दिया है।

ये सुधार मुख्य रूप से तीन स्तंभों पर केंद्रित होंगे:

  1. संरचनात्मक सुधार
  2. दरों का युक्तिकरण
  3. रहना-सहन की सुगमता

प्रस्तावित सुधारों के प्रमुख स्तंभ

स्तंभ 1: संरचनात्मक सुधार

  • उल्टे शुल्क (इनवर्टेड ड्यूटी) ढाँचे में सुधार: इनपुट और आउटपुट कर दरों को संरेखित करके इनपुट टैक्स क्रेडिट के संचय को कम किया जाएगा, जिससे घरेलू मूल्यवर्धन को बढ़ावा मिलेगा।
  • वर्गीकरण संबंधी मुद्दों का समाधान: दरों को सुव्यवस्थित किया जाएगा, जिससे विवाद कम हों और अनुपालन प्रक्रियाएं सरल बनें।
  • स्थिरता और पूर्वानुमान: दरों और नीतिगत दिशा में दीर्घकालिक स्पष्टता दी जाएगी, जिससे उद्योग का विश्वास बढ़ेगा और बेहतर व्यावसायिक योजना बनाने में मदद मिलेगी।

स्तंभ 2: दरों का युक्तिकरण

  • करों में कमी: आम आदमी से जुड़ी वस्तुओं और महत्वाकांक्षी वस्तुओं पर करों में कमी की जाएगी, जिससे उपभोग को बढ़ावा मिलेगा।
  • स्लैब में कमी: जीएसटी स्लैब को कम करके इसे एक सरल कर प्रणाली बनाने की योजना है, जिसमें मुख्य रूप से दो स्लैब – मानक और योग्यता – होंगे।
  • क्षतिपूर्ति उपकर: क्षतिपूर्ति उपकर की समाप्ति के बाद मिली राजकोषीय गुंजाइश का उपयोग कर दरों को युक्तिसंगत बनाने में किया जाएगा।

स्तंभ 3: रहन-सहन में आसानी (Ease of Living)

  • पंजीकरण: विशेष रूप से छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को निर्बाध, तकनीक-संचालित और समयबद्ध बनाया जाएगा।
  • रिटर्न: पहले से भरे हुए रिटर्न लागू किए जाएंगे, जिससे मैन्युअल हस्तक्षेप और विसंगतियाँ कम होंगी।
  • रिफंड: निर्यातकों और उल्टे शुल्क ढांचे वाले लोगों के लिए रिफंड की प्रक्रिया को तेज और स्वचालित बनाया जाएगा।

केंद्र सरकार ने यह प्रस्ताव GOM के साथ रचनात्मक और समावेशी संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से साझा किया है। सहकारी संघवाद की सच्ची भावना में, केंद्र राज्यों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि इन सुधारों को जल्द से जल्द लागू किया जा सके। जीएसटी परिषद अपनी अगली बैठक में इन सिफारिशों पर विचार-विमर्श करेगी।

सरकार की यह पहल जीएसटी को एक सरल, स्थिर और पारदर्शी कर प्रणाली के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो #समावेशीविकास का समर्थन करे और पूरे देश में व्यापार करने में आसानी (Ease of Doing Business) को बढ़ाए।

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