लखनऊ में DRDO का बड़ा सम्मेलन, आत्मनिर्भर भारत में एमएसएमई को मिलेगी नई ताकत

सम्मेलन में अन्य गणमान्य व्यक्तियों में महानिदेशक (नौसेना प्रणाली एवं सामग्री) डॉ. आर.वी. हारा प्रसाद, महानिदेशक (प्रौद्योगिकी प्रबंधन) डॉ. एल.सी. मंगल और महानिदेशक (मानव संसाधन) डॉ. मयंक द्विवेदी भी शामिल थे।

DRDO Conference in Lucknow to Empower MSMEs in 'Aatmanirbhar Bharat' Initiative
DRDO Conference in Lucknow to Empower MSMEs in 'Aatmanirbhar Bharat' Initiative

लखनऊ, उत्तर प्रदेश: रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने उत्तर प्रदेश रक्षा औद्योगिक गलियारे को और विकसित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण सम्मेलन का आयोजन किया। डीआरडीओ के रक्षा प्रौद्योगिकी एवं परीक्षण केंद्र (डीटीटीसी) ने 06 सितंबर, 2025 को लखनऊ के अमौसी परिसर में यह सम्मेलन आयोजित किया। इस कार्यक्रम में विभिन्न एमएसएमई, स्टार्ट-अप और लघु उद्योग भारती के 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

डीआरडीओ की पहल

सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य एमएसएमई को कौशल विकास, अनुसंधान एवं विकास के लिए वित्त पोषण, तकनीकी परामर्श, और प्रौद्योगिकी विकास एवं हस्तांतरण जैसे विषयों पर जानकारी देना था। डीआरडीओ अध्यक्ष ने डीटीटीसी को रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की सोच का परिणाम बताया और कहा कि यह आज उद्योगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है। उन्होंने एमएसएमई को यह आश्वासन भी दिया कि डीआरडीओ आत्मनिर्भर भारत और 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए उन्हें हर संभव सहायता देगा।

एमएसएमई की भूमिका की सराहना

इस कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए डीआरडीओ और एमएसएमई की सराहना की। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में एमएसएमई द्वारा निभाई जा रही महत्वपूर्ण भूमिका की भी तारीफ की।

सम्मेलन में अन्य गणमान्य व्यक्तियों में महानिदेशक (नौसेना प्रणाली एवं सामग्री) डॉ. आर.वी. हारा प्रसाद, महानिदेशक (प्रौद्योगिकी प्रबंधन) डॉ. एल.सी. मंगल और महानिदेशक (मानव संसाधन) डॉ. मयंक द्विवेदी भी शामिल थे।

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