नई दिल्ली: वैश्विक खाद्य सुरक्षा को लेकर नई दिल्ली में 8-9 सिंतबर, 2025 तक दो दिवसीय ‘डायलॉगनेक्स्ट’ सम्मेलन का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कन्वेंशन सेंटर में किया गया। आज सम्मेलन के पहले दिन देश भर से जुटे वरिष्ठ नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर गहन चिंतन-मंथन किया। इस दो दिवसीय उच्च स्तरीय कार्यक्रम का उद्देश्य विश्व के खाद्य भविष्य को सुरक्षित करने हेतु महत्वपूर्ण नवाचारों की खोज करना और उन्हें गति प्रदान करना है।
वर्ल्ड फ़ूड प्राइज़ फाउंडेशन द्वारा सीआईएमएमआईटी, बोरलॉग इंस्टीट्यूट फ़ॉर साउथ एशिया (बीआईएसए) तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के साथ साझेदारी में इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इस वर्ष भी सम्मेलन का विषय पिछले वर्ष मेक्सिको में आयोजित डायलॉगनेक्स्ट के अनुरूप ही किसान उन्मुख है। इस वर्ष डायलॉगनेक्स्ट की थीम है- “इसे किसान तक ले चलो”। इस सम्मेलन द्वारा वैश्विक दक्षिण में परिवर्तनकारी कृषि समाधानों की किसानों तक पहुँच सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयास किया जाएगा।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के महानिदेशक डॉ. मांगी लाल जाट ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि “उभरते वैश्विक मेगाट्रेंड कृषि-खाद्य प्रणालियों के लिए जटिल चुनौतियाँ पेश कर रहे हैं, जिनके लिए छोटे किसानों को केन्द्र में रखकर, व्यवस्थित समाधानों और उनके त्वरित क्रियान्वयन की आवश्यकता है।” उन्होंने कहा कि इसके लिए अत्याधुनिक विज्ञान, नवाचारों एवं खोज से लेकर वितरण तक की साझेदारियों में अधिक निवेश की आवश्यकता है। चूँकि भारत में कृषि परिवर्तन तीव्र गति से हो रहा है, ऐसी स्थिति में यह देश, वैश्विक दक्षिण के लिए लघु कृषि नवाचार के केन्द्र के रूप में कार्य कर सकता है।
#CIMMYT kicks off Day 1 of #DialogueNEXTIndia 🚀 Farmers are at the heart of resilient food systems and the message is clear partnerships are the key to turning science into solutions that secure food for 1.8B people across South Asia 🌍 #TakeItToTheFarmer pic.twitter.com/0QX7kUMFqZ
— CIMMYT (@CIMMYT) September 8, 2025
सम्मेलन में निकोल प्रेंगर, वरिष्ठ निदेशक, वैश्विक कार्यक्रम तथा रणनीतिक संचार, वर्ल्ड फ़ूड प्राइज़ फाउंडेशन ने कहा कि डॉ. नॉर्मन बोरलॉग द्वारा भारत को अर्ध-बौने गेहूँ की खेती शुरू करने में मदद करने तथा एक दशक से भी कम समय में उत्पादन दोगुना करने के साथ-साथ संभावित अकाल की स्थिति को टालने के 60 साल बाद, भारत में इस सम्मेलन का आयोजन एक सम्मान की बात है। उन्होंने आगे कहा कि डायलॉगनेक्स्ट को आने वाले दशकों में बढ़ती वैश्विक आबादी को स्थायी रूप से भोजन उपलब्ध कराने हेतु ‘मूनशॉट’ प्रयास के कार्य-योजना को गति देने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
इस सम्मेलन के लिए एशिया, यूरोप और अमेरिका के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, वैज्ञानिक और कृषि नेता जिनमें थिनले नामग्याल, सचिव, कृषि और पशुधन मंत्रालय, भूटान, गोविंदा प्रसाद शर्मा, सचिव, कृषि और पशुधन विकास मंत्रालय, नेपाल, मैक्सिमो टोरेरो कुलेन, मुख्य अर्थशास्त्री, खाद्य एवं कृषि संगठन, संयुक्त राष्ट्र भागीदारी के लिए आए हैं। साथ ही लोवा से अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल जिसमें शामिल किम रेनॉल्ड्स, गवर्नर, माननीय माइक नाइग, कृषि सचिव एवं ब्रेंट जॉनसन, अध्यक्ष, लोवा फार्म ब्यूरो फेडरेशन ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज की हैं।
प्रमुख सत्रों में किसान-केन्द्रित नवाचार, लघु-उत्पादक फसलों, दक्षिण-दक्षिण सहयोग, पोषण एवं खाद्य प्रणालियों, मूल्य श्रृंखलाओं तथा अगली पीढ़ी की कृषि सफलताओं जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
डायलॉगनेक्स्ट इन इंडिया, डॉ. नॉर्मन बोरलॉग, हरित क्रांति के जनक और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता, की विरासत को पुनर्जीवित करने वाली त्रिभागीय वैश्विक श्रृंखला का दूसरा भाग है। ये संवाद 21-23 अक्टूबर, 2025 को डेस मोइनेस, लोवा में आयोजित होने वाले नॉर्मन ई. बोरलॉग अंतर्राष्ट्रीय संवाद की दिशा में गति प्रदान करेगा।
