गैस चैंबर बनी दिल्ली! AQI 400 के पार, पंजाब में पराली जलाने के रिकॉर्ड केस, क्लाउड सिडिंग भी बेअसर

Delhi Pollution Alert: दिल्ली-एनसीआर की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है। राजधानी गुरुवार को ‘गैस चैंबर’ में तब्दील हो गई, जहां कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, यह स्तर ‘बेहद खतरनाक’ श्रेणी में आता है।

Delhi Turns into 'Gas Chamber' as AQI Crosses 400; Record Stubble Burning in Punjab, Cloud Seeding Fails
Delhi Turns into 'Gas Chamber' as AQI Crosses 400; Record Stubble Burning in Punjab, Cloud Seeding Fails

Delhi Pollution Alert: दिल्ली-एनसीआर की हवा एक बार फिर जहरीली हो गई है। राजधानी गुरुवार को ‘गैस चैंबर’ में तब्दील हो गई, जहां कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, यह स्तर ‘बेहद खतरनाक’ श्रेणी में आता है। वहीं, पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में लगातार वृद्धि से स्थिति और गंभीर हो गई है। बुधवार, 29 अक्टूबर को ही 283 पराली जलाने के मामले दर्ज किए गए, जिससे पूरे सीजन में अब तक 1,216 मामले दर्ज हो चुके हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब का संगरूर जिला सबसे अधिक प्रभावित रहा, जहां 79 मामले दर्ज हुए। इसके बाद तरनतारन (43), फिरोजपुर (32), पटियाला (25), बठिंडा (19), और मनसा (16) जैसे जिलों में भी पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी हैं। यह आंकड़े साफ दिखाते हैं कि सर्दियों की शुरुआत के साथ ही उत्तर भारत का प्रदूषण स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है।

दिल्ली के हालात चिंताजनक

गुरुवार दोपहर को दिल्ली के प्रमुख इलाकों में हवा की स्थिति बेहद खराब रही –

प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशनAQI (दोपहर 12 बजे)
विवेक विहार427
वजीरपुर414
आनंद विहार414
अशोक विहार408
जहांगीरपुरी406
बवाना406
पटपड़गंज400
बुराड़ी392
अलीपुर380

धुंध की मोटी चादर ने दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद को ढक लिया है। सूर्य की रोशनी तक दिखाई नहीं दे रही, जबकि आंखों में जलन और गले में चुभन से लोग परेशान हैं। बुधवार को हवा में हल्की राहत थी, लेकिन गुरुवार को हवा की गुणवत्ता तेजी से गिर गई।

वेंटिलेशन इंडेक्स गिरा, प्रदूषक फंसे आसमान में

विशेषज्ञों के मुताबिक, दिल्ली का ‘वेंटिलेशन इंडेक्स’ – जो हवा में प्रदूषकों के फैलने की क्षमता को मापता है – 6,000 वर्ग मीटर प्रति सेकंड के सामान्य स्तर से नीचे चला गया है। 10 किलोमीटर प्रति घंटे से कम रफ्तार की हवाओं और घने कोहरे ने प्रदूषण को फैलने नहीं दिया, जिससे धुंध और जहरीली हो गई।

क्लाउड सिडिंग की कोशिश नाकाम

दिल्ली सरकार ने प्रदूषण कम करने के लिए क्लाउड सिडिंग (कृत्रिम बारिश) का प्रयास किया था, लेकिन मंगलवार को की गई यह कोशिश नाकाम रही। बादलों में नमी की कमी के कारण कृत्रिम वर्षा नहीं हो सकी। इसको लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गए हैं। विपक्ष ने दिल्ली सरकार पर जनता के पैसे की बर्बादी का आरोप लगाया है।

फिलहाल राहत के आसार नहीं

मौसम विभाग और प्रदूषण नियंत्रण एजेंसियों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में भी राहत की संभावना कम है। पराली जलाने की बढ़ती घटनाएं, हवा की कमजोर गति और गिरते तापमान ने राजधानी की वायु गुणवत्ता को और बिगाड़ दिया है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि हालात ऐसे ही रहे, तो नवंबर के पहले हफ्ते में दिल्ली की हवा और भी जहरीली हो सकती है।

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