दिल्ली में 1 नवंबर से लागू हुए दो बड़े नियम: पुराने कमर्शियल वाहनों की एंट्री बंद, e-FIR प्रणाली हुई और आसान

सरकार ने यह भी तय किया है कि अब केवल बीएस-6 (BS-VI) मानक वाले पेट्रोल और डीज़ल कमर्शियल वाहन ही दिल्ली में चल सकेंगे। बीएस-4 या उससे नीचे के मानक वाले वाहनों को 31 अक्टूबर 2026 तक का समय दिया गया है ताकि उन्हें धीरे-धीरे बदला जा सके।

Delhi Pollution Control: Entry of Old Commercial Vehicles Banned from November 1, e-FIR System Also Streamlined
Delhi Pollution Control: Entry of Old Commercial Vehicles Banned from November 1, e-FIR System Also Streamlined

Delhi NCR vehicle entry rules: अगर आप दिल्ली में रहते हैं या रोजाना दिल्ली आते-जाते हैं, तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। 1 नवंबर से राजधानी में दो बड़े बदलाव लागू हो गए हैं। पहला बदलाव दिल्ली की हवा को साफ रखने से जुड़ा है, जबकि दूसरा साइबर ठगी पर रोक लगाने के लिए किया गया है। इन दोनों नियमों का सीधा असर आम लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी और सुरक्षा पर पड़ेगा।

पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर सख्ती

पहला बड़ा बदलाव पुराने कमर्शियल वाहनों से जुड़ा है। दिल्ली में अब 10 साल से पुराने डीज़ल वाले और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाले कमर्शियल वाहन, जैसे ट्रक, टैक्सी या टेंपो, अब शहर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। यह कदम बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए उठाया गया है। अगर कोई वाहन इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे जब्त किया जा सकता है और उसके मालिक पर बीस हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इस नियम का सबसे ज्यादा असर एनसीआर और पड़ोसी राज्यों से आने वाले वाहनों पर पड़ेगा।

सरकार ने यह भी तय किया है कि अब केवल बीएस-6 (BS-VI) मानक वाले पेट्रोल और डीज़ल कमर्शियल वाहन ही दिल्ली में चल सकेंगे। बीएस-4 या उससे नीचे के मानक वाले वाहनों को 31 अक्टूबर 2026 तक का समय दिया गया है ताकि उन्हें धीरे-धीरे बदला जा सके। यह फैसला ग्रैप यानी ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत लिया गया है, क्योंकि अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में दिल्ली की हवा बेहद खराब स्तर पर पहुंच चुकी है। निजी वाहनों, टैक्सियों, ऑटो और ओला-उबर जैसी सेवाओं पर इस नियम का फिलहाल असर नहीं पड़ेगा। दिल्ली परिवहन विभाग ने सभी बॉर्डर पॉइंट्स पर आरएफआईडी स्कैनर भी लगा दिए हैं ताकि केवल अनुमति प्राप्त गाड़ियाँ ही राजधानी में प्रवेश कर सकें।

ऑनलाइन ठगी होने पर अब तुरंत e-FIR की सुविधा

दूसरा बड़ा बदलाव दिल्ली पुलिस की नई e-FIR सुविधा से जुड़ा है। अब अगर किसी के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी होती है, जैसे कि बैंक खाते से पैसे कट जाना, यूपीआई या कार्ड से फ्रॉड होना, सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो जाना या ई-वॉलेट से ठगी होना, तो पीड़ित को थाने जाने की जरूरत नहीं है। वह अब सीधे cybercrime.gov.in वेबसाइट पर जाकर या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके तुरंत e-FIR दर्ज करा सकता है। जैसे ही शिकायत दर्ज होती है, पुलिस की रोकथाम और रिकवरी प्रक्रिया तुरंत शुरू हो जाती है। इससे पीड़ित को राहत मिलेगी और साइबर ठगी के मामलों में जल्दी कार्रवाई हो सकेगी।

इन नए नियमों को लेकर ट्रांसपोर्ट सेक्टर में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष भीम वाधवा ने कहा कि सरकार ने बीएस-4 वाहनों को 2026 तक का संक्रमणकाल देकर अच्छा कदम उठाया है, लेकिन छोटे और मध्यम स्तर के ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों के लिए नए वाहन खरीदना आसान नहीं है। वहीं ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महासचिव राजेंद्र कपूर ने सुझाव दिया कि सरकार को यह नियम चरणबद्ध तरीके से लागू करना चाहिए और पुराने वाहनों को स्क्रैप पॉलिसी के तहत उचित मुआवजा देना चाहिए ताकि वाहन मालिकों को नुकसान न हो।

इन दोनों फैसलों का मुख्य उद्देश्य दिल्ली की हवा को साफ रखना और नागरिकों को ऑनलाइन अपराधों से सुरक्षित करना है। एक तरफ बीएस-6 मानक वाले वाहनों से प्रदूषण घटाने की कोशिश की जा रही है, वहीं e-FIR जैसी डिजिटल सुविधा से लोगों को साइबर ठगी से तुरंत राहत मिल सकेगी। सरकार का मानना है कि इन नियमों से दिल्लीवासियों की सुरक्षा, जीवन की गुणवत्ता और भरोसे में सुधार आएगा।

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