दिल्ली-एनसीआर में हवा सुधरी, 8 साल में सबसे कम औसत AQI; AAP ने डेटा हेरफेर का आरोप लगाया

Delhi-NCR Air Quality Improves: दिल्ली-एनसीआर में साल 2025 के दौरान वायु गुणवत्ता में लगातार सुधार देखने को मिला है। आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, जनवरी से नवंबर 2025 के बीच दिल्ली का औसत AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 187 दर्ज किया गया है।

Delhi-NCR Reports Best Air Quality in 8 Years, But AAP Cries Foul, Claiming Data Tampering
Delhi-NCR Reports Best Air Quality in 8 Years, But AAP Cries Foul, Claiming Data Tampering

Delhi-NCR Air Quality Improves: दिल्ली-एनसीआर में साल 2025 के दौरान वायु गुणवत्ता में लगातार सुधार देखने को मिला है। आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, जनवरी से नवंबर 2025 के बीच दिल्ली का औसत AQI (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 187 दर्ज किया गया है। कोविड-19 लॉकडाउन वाले वर्ष 2020 को छोड़कर, यह पिछले आठ वर्षों में सबसे कम औसत AQI है, जो साफ तौर पर दिखाता है कि हवा की स्थिति धीरे-धीरे सुधर रही है। पिछले वर्षों में यही औसत AQI 2024 में 201, 2023 में 190, 2022 में 199 और 2018 में 213 रहा था।

रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में अब तक केवल तीन दिन ही ऐसे रहे जब दिल्ली का AQI 400 के पार यानी ‘सीवियर’ श्रेणी में पहुँचा। इसकी तुलना में 2024 में ऐसे 11 दिन और 2021 में 17 दिन दर्ज किए गए थे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस साल अब तक एक भी दिन AQI 450 से ऊपर (सीवियर+) नहीं गया, जो पिछले वर्षों में अक्सर देखने को मिलता था। PM2.5 और PM10 के स्तर में भी सुधार हुआ है। दिल्ली का औसत PM2.5 स्तर इस साल 85 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुआ है, जो 2018 के बाद सबसे कम है। इसी तरह PM10 का औसत स्तर भी 183 माइक्रोग्राम रिकॉर्ड किया गया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में बेहतर है।

हालांकि, आम आदमी पार्टी (AAP) के दिल्ली अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने इन आँकड़ों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने जानबूझकर AQI डेटा में हेरफेर की, और कई बार 500–700 के AQI को 300–400 दिखाया। उनका आरोप है कि ऐसा GRAP-3 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत लगने वाली पाबंदियों से बचने के लिए किया गया, जिससे निर्माण कार्य भी प्रतिबंध के बावजूद जारी रहने दिया गया।

इन सबके बीच, कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने NCR में GRAP के नियमों में बदलाव किया है। अब ‘सीवियर’ श्रेणी (स्टेज IV) के कुछ उपाय स्टेज III के तहत लागू किए जाएँगे। इस बदलाव से राज्य सरकारें यह तय कर सकेंगी कि सरकारी, प्राइवेट और नगरपालिका दफ्तरों में 50% स्टाफ को बुलाया जाए और बाकी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम दिया जाए। केंद्र सरकार अपने दफ्तरों के लिए इस संबंध में अलग से निर्णय लेगी।

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