Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का संकट लगातार गहराता जा रहा है। बुधवार की सुबह राजधानी जहरीली धुंध की मोटी चादर में लिपटी नज़र आई, जिसके कारण लोगों को साँस लेने में गंभीर समस्या आ रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बुधवार सुबह 335 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। दिल्ली पिछले 12 दिनों से लगातार खराब वायु गुणवत्ता से जूझ रही है।
दिल्ली के अधिकतर इलाकों का AQI इस दौरान 350 से अधिक दर्ज किया गया है। इंडिया गेट के आसपास AQI 358 रहा, जबकि एम्स और साउथ एक्सटेंशन के पास AQI 348 दर्ज किया गया। गाजीपुर जैसे इलाके में तो यह 363 तक पहुँच गया, ये सभी आंकड़े ‘बहुत खराब’ श्रेणी के हैं। दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के पूर्वानुमान के अनुसार, अगले पांच दिन के लिए वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहने की संभावना है।
दिल्ली के बाहर एनसीआर के अन्य प्रमुख शहरों में भी स्थिति ‘गंभीर’ बनी हुई है। ग्रेटर नोएडा का AQI 414 और नोएडा का 409 दर्ज किया गया, जो खतरनाक श्रेणी में आते हैं। इसके अलावा, गाजियाबाद का AQI 294, चंडीगढ़ का 306 और मेरठ का 297 दर्ज किया गया है।
प्रदूषण के बिगड़ते स्तर को देखते हुए, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-III के प्रावधानों को लागू कर दिया है। इसके लागू होते ही गैर-जरूरी निर्माण कार्य, पुराने डीजल वाहनों के चलने सहित कई गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। दिल्ली सरकार ने जिलाधिकारियों, पुलिस और स्थानीय निकायों को सभी निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए ‘वर्क-फ्रॉम-होम’ (WFH) लागू करने का आदेश अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे घर से बाहर निकलने पर N95 मास्क पहनें और अनावश्यक यात्रा से बचें। बच्चों और बुजुर्गों को पूरी तरह घर के अंदर रहने और HEPA फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का उपयोग करने की सलाह भी दी गई है।
