लखनऊ: राजधानी के खंदारी बाज़ार इलाके में सोमवार सुबह तब हड़कंप मच गया जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम अचानक दिल्ली विस्फोट मामले में नामजद आरोपी डॉ. शाहीन के घर पहुंची। टीम सुबह करीब छह बजे घर में दाखिल हुई और लगभग छह घंटे तक तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान शाहीन के परिवार के सदस्यों से पूछताछ भी की गई।
सूत्रों के अनुसार छापेमारी के दौरान टीम ने कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड, मोबाइल फोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण कब्जे में लिए हैं। हालांकि, एजेंसी ने आधिकारिक तौर पर जब्त सामग्री या तलाशी के परिणाम को लेकर कोई बयान नहीं दिया है। घर से बाहर निकलते समय मीडिया कर्मियों ने टीम के सदस्यों से बात करने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों ने चुप्पी साधे रखी।
डॉ. शाहीन का नाम पिछले महीने दिल्ली के लाल किले पर हुए कार ब्लास्ट मामले में मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आया था। इस मामले में अब तक कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। जांच के दौरान शाहीन के संपर्कों के बारे में नई जानकारी सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां इस नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने की कोशिश में जुटी हैं।
इससे पहले शाहीन के भाई परवेज को भी एटीएस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था। परवेज उसी इलाके में अलग घर में रह रहा था और उसकी गिरफ्तारी के दौरान वहां से कई दस्तावेज, लैपटॉप, फोन और संदिग्ध सामग्री बरामद की गई थी।
NIA की कार्रवाई को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी। खंदारी बाज़ार की गलियों को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया और आम लोगों की आवाजाही रोक दी गई। टीम में फॉरेंसिक विशेषज्ञ और साइबर जांच अधिकारी भी शामिल थे, जो तलाशी के दौरान मिले डिजिटल साक्ष्यों का प्राथमिक विश्लेषण कर रहे थे।
सूत्रों का दावा है कि पूछताछ में यह खुलासा हुआ है कि शाहीन न केवल दिल्ली ब्लास्ट की योजना में शामिल थी, बल्कि उसने महिला जिहादियों का नेटवर्क भी तैयार किया था। वीडियो कॉल और एन्क्रिप्टेड चैटिंग के माध्यम से महिलाओं को साजिश में शामिल करने, ट्रेनिंग देने और विचारधारा से प्रभावित करने के प्रयास किए जा रहे थे।
NIA के मुताबिक, यह मामला केवल धमाके तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे जुड़ी गतिविधियों में बड़े आतंकी मॉड्यूल की भूमिका सामने आ सकती है। जांच एजेंसी आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां और छापे कर सकती है।
