Delhi Air Pollution: राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार अब पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है। सोमवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दिल्ली सचिवालय में इस मुद्दे पर एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश साहिब सिंह, पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, विकास मंत्री कपिल मिश्रा, समाज कल्याण मंत्री रविंद्र इंद्राज सिंह, मुख्य सचिव राजीव वर्मा और दिल्ली नगर निगम समेत कई विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक का मकसद था—दिल्ली की बिगड़ती वायु गुणवत्ता को लेकर तत्काल और सख्त कदम उठाना।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने बैठक में स्पष्ट कहा कि प्रदूषण पर नियंत्रण सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि जो भी औद्योगिक इकाइयाँ या वाहन प्रदूषण फैलाते पकड़े जाएंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई होगी। इसके लिए संयुक्त टीमें बनाई गई हैं जो रोजाना मैदानी निरीक्षण करेंगी और अपनी रिपोर्ट देंगी। सीएम ने साफ कहा कि “प्रदूषण नियंत्रण में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी,” और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि सरकार ने दिल्ली के हॉटस्पॉट इलाकों की पहचान कर ली है, जहां प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक है। इन क्षेत्रों में पानी का छिड़काव, धूल कम करने वाले उपकरणों का उपयोग और सफाई अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही, दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया गया है कि सड़कों और बाजारों की सफाई रोजाना की जाए और जहां भी कूड़ा जमा हो, उसे तुरंत हटाया जाए।
आज राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा लिए जा रहे तात्कालिक और दीर्घकालिक पहलों की समीक्षा की।
— Rekha Gupta (@gupta_rekha) November 3, 2025
दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए अतिरिक्त टीमें नियुक्त करें, औद्योगिक इकाइयों और… pic.twitter.com/7RGUZao3pY
रेखा गुप्ता ने यह भी बताया कि सर्दियों के मौसम में प्रदूषण बढ़ने की आशंका को देखते हुए सरकार पहले से ही तैयार है। अगर हालात बिगड़ते हैं, तो कॉलोनियों और बाजारों में चौकीदारों को हीटर दिए जाएंगे, ताकि ठंड में आग जलाकर धुआं फैलाने की नौबत न आए।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए सभी एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि नगर निगम को वॉटर स्प्रिंकलर की ड्यूटी दोगुनी करने और धूल नियंत्रण पर विशेष ध्यान देने के आदेश दिए गए हैं। सिरसा ने कहा, “हमारी प्राथमिकता साफ है — दिल्ली को स्वच्छ और स्वस्थ रखना।”
हर साल नवंबर में दिल्ली की हवा जहरीली हो जाती है। पराली जलने, वाहनों के धुएं और निर्माण कार्यों की धूल के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अक्सर 400 के पार चला जाता है, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। इस बार भी हालात बिगड़ते देख मुख्यमंत्री ने खुद ‘दिल्ली स्वच्छ हवा मिशन’ की निगरानी अपने हाथों में ले ली है। उन्होंने कहा कि सरकार नई तकनीकों और सख्त निगरानी तंत्र के जरिए हर संभव प्रयास कर रही है ताकि दिल्लीवासियों को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण मिल सके।
