Halal Certification: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की जनता से अपील की है कि वे ‘हलाल सर्टिफिकेशन’ वाले उत्पादों की खरीदारी से बचें। मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में एक कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट रूप से कहा कि इस सर्टिफिकेशन से मिलने वाले धन का इस्तेमाल आतंकवाद, धर्मांतरण और ‘लव जिहाद’ जैसी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने में किया जाता है।
उन्होंने इस संबंध में बलरामपुर के एक मामले का उदाहरण दिया, जहाँ धर्मांतरण में शामिल जलालुद्दीन उर्फ छांगुर नामक व्यक्ति विदेशी फंडिंग के साथ-साथ हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर मिले पैसे का इस्तेमाल गलत कामों में कर रहा था।
‘राजनीतिक इस्लाम’ पर सीएम योगी का बयान
सीएम योगी आदित्यनाथ ने देश के इतिहास पर टिप्पणी करते हुए कहा कि देश में ब्रिटिश और फ्रांस के उपनिवेशवाद की तो काफी चर्चा होती है, लेकिन ‘राजनीतिक इस्लाम’ की चर्चा नहीं होती है, जबकि इसने सनातन आस्था पर सबसे बड़ी चोट पहुँचाई। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराणा सांगा, गुरु गोविंद सिंह और महाराणा प्रताप जैसे महान योद्धाओं ने राजनीतिक इस्लाम के विरोध में ही लड़ाई लड़ी थी, लेकिन इस ऐतिहासिक तथ्य पर कोई खुली बहस नहीं होती।
उन्होंने कहा कि देश में आज भी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर जैसे लोग राजनीतिक इस्लाम की विचारधारा को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। भाजपा सरकार ने ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने के साथ ही प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाई है। बलरामपुर से लेकर आगरा तक फैले छांगुर के संगठित गिरोह पर कड़ा एक्शन लिया गया है।
हलाल सर्टिफिकेशन हमने यूपी में बैन किया है…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 21, 2025
हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर एक फूटी कौड़ी भी नहीं देनी है,
यह पैसा आपके खिलाफ षड्यंत्र में जाता है… pic.twitter.com/GnWNK9SmC0
‘साजिश’ का हिस्सा था हलाल सर्टिफिकेशन
मुख्यमंत्री ने लोगों को सलाह दी, “आप जब भी कोई सामान खरीदते हैं तो देखें कि उसमें हलाल सर्टिफिकेशन तो नहीं लिखा है।” उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि साबुन, कपड़े और यहाँ तक कि माचिस का भी हलाल सर्टिफिकेशन किया जा रहा था। उन्होंने इसे एक बड़ी साजिश बताया, क्योंकि माचिस तो ‘झटके से ही जलती है’, न कि ‘हलाल’ होती है।
सीएम योगी ने बताया कि राज्य सरकार ने जब इस मामले की जांच की, तो पता चला कि देश के अंदर लगभग 25 हजार करोड़ रुपये के उत्पाद हलाल सर्टिफिकेट से जुड़े हुए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र या राज्य सरकार किसी भी हलाल सर्टिफिकेशन को मान्यता नहीं देती है। इसलिए, उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वे हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद न खरीदें और केवल वही सामान खरीदें जिन पर उचित जीएसटी दिया गया हो।
गोरखपुर में आयोजित विचार-परिवार कुटुम्ब स्नेह मिलन कार्यक्रम में… https://t.co/AK4tPeNaBm
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 21, 2025
