खंडहर में तब्दील हो चुकी शिक्षा व्यवस्था के लिए भाजपा और कांग्रेस जिम्मेदार: मनीष सिसोदिया

मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने मंगलवार को शिक्षा पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया और सबका मानना है कि “आज भारत की शिक्षा एक खंडहर व्यवस्था बन चुकी है।”

BJP and Congress Responsible for Ruined Education System": Manish Sisodia
BJP and Congress Responsible for Ruined Education System": Manish Sisodia

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (AAP) ने देश की बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था को लेकर भाजपा और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। AAP के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि देश की शिक्षा व्यवस्था खंडहर होती जा रही है, जिसके लिए ये दोनों पार्टियां जिम्मेदार हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जहां दुनिया भर के देश अपने बच्चों को AI में एक्सपर्ट बनाना सिखा रहे हैं, वहीं भारत अपने बच्चों को AI मजदूर बनाने लायक भी शिक्षा नहीं दे रहा है।

केंद्र सरकार के दावों और जमीनी हकीकत में फर्क

मंगलवार को पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस और सांसद संजय सिंह के साथ पार्टी मुख्यालय पर प्रेसवार्ता करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ही देश के शिक्षा मंत्रियों का सम्मेलन बुलाया था और उसमें उन्होंने नई शिक्षा नीति के जरिए देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का दावा किया। लेकिन सिसोदिया के अनुसार, इस दावे की जमीन हकीकत कुछ और ही है। उन्होंने दुखद झालावाड़ घटना का जिक्र किया, जहां सरकारी स्कूल की छत गिरने से 8 बच्चों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि यह घटना दर्शाती है कि सरकारी स्कूलों को ठीक करना भाजपा सरकार की प्राथमिकता में नहीं है।

सिसोदिया ने आरोप लगाया कि झालावाड़ जैसी घटनाएँ इसलिए हो रही हैं क्योंकि सरकारें मानती हैं कि उनके पास सरकारी स्कूल ठीक करने के लिए पैसे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान के बाद यूपी के हापुड़ और मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों की भी ऐसी ही तस्वीरें सामने आई हैं, और अब लोग अपने-अपने क्षेत्रों के जर्जर स्कूलों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं।

शिक्षा व्यवस्था एक ‘खंडहर’

मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेताओं ने मंगलवार को शिक्षा पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया और सबका मानना है कि “आज भारत की शिक्षा एक खंडहर व्यवस्था बन चुकी है।” उन्होंने कहा कि यह खंडहर शिक्षा व्यवस्था भारत को खंडहर भविष्य के लिए तैयार कर रही है।

उन्होंने भारत सरकार के यूडीआईएसई डेटा का हवाला देते हुए बताया कि पूरे देश में केवल 4.80% सरकारी स्कूल कंप्यूटर लैब युक्त हैं। उन्होंने कहा कि केवल 29% बच्चे ही दूसरी कक्षा का टेक्स्ट पढ़ सकते हैं और गणित कर सकते हैं। सिसोदिया ने सवाल उठाया कि अगर पांचवीं क्लास का बच्चा दूसरी कक्षा का टेक्स्ट नहीं पढ़ पा रहा और गणित नहीं कर पा रहा तो हम कौन सा देश तैयार कर रहे हैं और किस उपलब्धि के लिए नई शिक्षा नीति के पांच साल पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।

भाजपा-कांग्रेस पर देश को धोखा देने का आरोप

मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि पिछले 75 सालों में कांग्रेस और भाजपा दोनों ने शिक्षा के नाम पर देश को लूटा और धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति में जीडीपी का 6% शिक्षा पर खर्च करने की बात कही है, लेकिन हकीकत में वे अपने बजट का 2.50% भी खर्च नहीं करते। उन्होंने 2009 में पिसा (अंतर्राष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम) रैंकिंग में भारत के 74वें स्थान पर आने और उसके बाद कांग्रेस व भाजपा सरकारों द्वारा इसमें भाग लेना बंद करने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “इन्होंने अपनी शिक्षा व्यवस्था और पढ़ाई का स्तर सुधारने के बजाय पिसा रैंकिंग में हिस्सा लेना बंद कर दिया।”

वैश्विक तुलना: AI और रोबोटिक्स बनाम टूटी छतें

सिसोदिया ने जापान, कोरिया, चीन और सिंगापुर जैसे देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां के बच्चे कम उम्र से ही कोडिंग, AI, रोबोटिक्स और डेटा साइंस सीख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जापान में पांचवीं कक्षा के बच्चे कोडिंग सीख रहे हैं और छठीं कक्षा के बच्चे ऐप बना रहे हैं, जबकि हमारे बच्चे टूटी हुई छतों के नीचे मरने को मजबूर हैं और गांव-देहात के स्कूलों में टूटी-फूटी टाट पर बैठाकर पढ़ाने का नाटक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरे देश इतिहास बना रहे हैं और हम इतिहास बदल रहे हैं।

सिसोदिया ने सवाल उठाया कि जब जापान पांचवीं कक्षा में कोडिंग सिखा सकता है, तो भारत अपने बच्चों को पांचवीं में कोडिंग और ऐप बनाना क्यों नहीं सिखा सकता? उन्होंने कहा कि हम बच्चों को केवल धर्म-जाति के नाम पर इतिहास में घुसाकर लड़ना सिखा रहे हैं।

AAP की रणनीति: 3000 कार्यकर्ताओं की टीम करेगी स्कूलों का दौरा

मनीष सिसोदिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी शिक्षा पर काम करती है। उन्होंने कहा कि AAP जहां सरकार में है, वहां शिक्षा पर काम कर रही है और जहां सरकार में नहीं है, वहां की सरकारों से शिक्षा व्यवस्था ठीक करने के लिए लड़ रही है।

उन्होंने घोषणा की कि AAP के 20 राज्यों के प्रभारियों ने फैसला लिया है कि वे 3,000 कार्यकर्ताओं की टीम देश भर के सरकारी स्कूलों का दौरा करने के लिए भेजेंगे, जो स्कूलों की हालत पूरे देश के सामने रखेंगे। यह अभियान 1 से 7 अगस्त तक चलेगा, जिसमें कार्यकर्ता 20 राज्यों के स्कूलों का दौरा करेंगे और ‘झालावाड़ जैसी स्थिति’ को अलर्ट करेंगे। उन्होंने कहा, “हम इसे प्रशासन और राजनीति के सामने रखेंगे। हम हर जिले के हर स्कूल में जाएंगे और स्कूलों की स्थिति की रिपोर्ट देंगे। हम देश के सामने एक रिपोर्ट रखेंगे कि जहां भी भाजपा और कांग्रेस की सरकारें हैं, इन्होंने मिलकर कैसे शिक्षा का बंटाधार कर रखा है।”

संजय सिंह और हरजोत बैंस का समर्थन

आप के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि दिल्ली और पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकारें बिजली और शिक्षा पर बेहतर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि “अगर देश में नफरत और झगड़ा फैलाना हो तो भाजपा याद आती है… लेकिन अगर स्विमिंग पूल, हॉकी, एथलेटिक ग्राउंड से युक्त शानदार स्कूल की बात हो तो अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया द्वारा दिल्ली में बनाए गए सरकारी स्कूल याद आते हैं, पंजाब के स्कूल ऑफ एमिनेंस याद आते हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने हजारों सरकारी स्कूल बंद किए हैं, जिससे मजदूर, विधवा, किसान, दलित और पिछड़े वर्ग के बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा देश को अनपढ़ बनाकर रखना चाहती है ताकि उनके दिमाग में नफरत का जहर घोला जा सके। संजय सिंह ने घोषणा की कि 2 अगस्त को लखनऊ में ‘स्कूल बचाओ आंदोलन’ किया जाएगा।

पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने पंजाब में AAP सरकार द्वारा शिक्षा में किए गए सुधारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 2022 में सरकार बनने के बाद अब पंजाब में एक भी बच्चा जमीन पर नहीं बैठता, हर स्कूल में बाउंड्री, साफ-सुथरे वॉशरूम, वाई-फाई और साफ पीने का पानी है। उन्होंने टीचर ट्रेनिंग और ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ जैसी पहलों का भी जिक्र किया। बैंस ने कहा कि पंजाब के सरकारी स्कूलों से 260 बच्चों ने जेईई मेन्स क्लियर किया, 44 जेईई एडवांस में पास हुए और 800 से ज्यादा बच्चों ने नीट पास किया। उन्होंने बताया कि पंजाब AI पर ₹400 करोड़ खर्च कर रहा है और लगभग हर स्कूल में इंटरेक्टिव पैनल्स वाले क्लासरूम हैं।

शिक्षा व्यवस्था सुधारने में भाजपा-कांग्रेस की ‘नाकामी’

आप का आरोप है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही शिक्षा व्यवस्था सुधारने में नाकाम साबित हुई हैं। भाजपा सरकार ने नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने में ढिलाई की है और 5 साल बाद भी 21वीं सदी के कौशल जैसे कोडिंग, AI और रोबोटिक्स स्कूलों तक नहीं पहुंचे हैं। वहीं, कांग्रेस ने आरटीई एक्ट 2009 लाकर वाहवाही तो लूटी, लेकिन इसे लागू करने के लिए पर्याप्त फंडिंग और इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। आप का मानना है कि दोनों दलों ने पिछले 70 सालों में शिक्षा को केवल वोट बैंक का हथियार बनाया, न कि देश के भविष्य का आधार।

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