IRCTC Scam: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को आईआरसीटीसी घोटाला (IRCTC Scam) मामले में बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में लालू यादव के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। कोर्ट ने आरोप तय करते हुए कहा कि इस घोटाले की साजिश लालू यादव की जानकारी में रची गई थी और उनके परिवार को इसका सीधा फायदा मिला। कोर्ट ने टिप्पणी की कि राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को बेहद कम दाम पर जमीन मिली थी।
कोर्ट में मौजूद लालू यादव से जज ने कहा कि आपने रेल मंत्री रहते हुए अपने सरकारी पद का दुरुपयोग किया और कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर की शर्तों में हेरफेर किया। जब कोर्ट ने उनसे पूछा कि क्या वह इन आरोपों को स्वीकार करते हैं, तो लालू यादव ने आरोपों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
लालू, राबड़ी और तेजस्वी सहित 16 आरोपी
आईआरसीटीसी घोटाला मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव समेत कुल 16 लोगों को आरोपी बनाया गया है। सुनवाई के लिए लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव तीनों कोर्ट पहुंचे थे। सीबीआई ने इस मामले में केस चलाने के लिए कोर्ट में एक नई चार्जशीट दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि टेंडर प्रक्रिया में लालू यादव ने दखलअंदाजी की थी।
क्या है आईआरसीटीसी घोटाला?
यह घोटाला उस समय का है, जब लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 तक भारत के रेल मंत्री थे। आरोप है कि उस दौरान आईआरसीटीसी ने दो होटलों के रखरखाव का टेंडर निकाला था। आरोप है कि टेंडर में हेरफेर करके लालू यादव ने होटल के रखरखाव और संचालन का ठेका एक व्यवसायी सुबोध कुमार सिन्हा की कंपनी ‘सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड’ को दिलाया। बदले में, लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को पटना में कीमती जमीनें बेहद सस्ते दामों पर मिलीं। यह मामला, ‘जॉब के बदले जमीन घोटाला’ (Land for Job Scam) से अलग है।
