सुप्रीम कोर्ट के CJI पर हमला: AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने BJP पर बोला हमला- ‘मुसलमानों, सिखों के बाद अब दलितों का नंबर आया

सौरभ भारद्वाज ने एक 6 मिनट लंबा वीडियो भी जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि “दलित समुदाय से आने वाले CJI गवई पर जूता फेंकना बेहद शर्मनाक कृत्य है। यह सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि पूरे न्यायिक तंत्र और दलित समाज की गरिमा पर हमला है।”

AAP's Saurabh Bhardwaj Slams BJP, Alleging 'Targeting of Dalits After Muslims, Sikhs'
AAP's Saurabh Bhardwaj Slams BJP, Alleging 'Targeting of Dalits After Muslims, Sikhs'

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को उस वक्त सनसनी फैल गई जब 71 वर्षीय वकील ने मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की। यह घटना अदालत में चल रही एक सुनवाई के दौरान हुई। बताया जा रहा है कि आरोपी वकील मंच के पास पहुंचा और जूता निकालकर फेंकने का प्रयास करने लगा, लेकिन मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल उसे रोक लिया। अदालत परिसर में हड़कंप मच गया। इस घटना को लेकर देशभर में गुस्सा और चिंता व्यक्त की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने इसे गंभीर सुरक्षा चूक मानते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं।

इस घटना की निंदा करते हुए कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि “यह हमला सिर्फ मुख्य न्यायाधीश पर नहीं बल्कि भारत के संविधान पर भी हमला है।” उन्होंने कहा कि “मुख्य न्यायाधीश गवई ने अत्यंत संयम दिखाया है, लेकिन अब पूरे देश को उनके साथ एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए।”

वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी इस मामले पर केंद्र सरकार को घेरा। पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया पर लिखा — “सबका नंबर आएगा, अगर चुप रहे तो कोई नहीं बचेगा। मुसलमानों, सिखों और बौद्धों के बाद अब दलितों का नंबर आ गया है।” उन्होंने आरोपी की तस्वीर शेयर करते हुए कहा — “गांधी हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं।”

सौरभ भारद्वाज ने एक 6 मिनट लंबा वीडियो भी जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि “दलित समुदाय से आने वाले CJI गवई पर जूता फेंकना बेहद शर्मनाक कृत्य है। यह सिर्फ एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि पूरे न्यायिक तंत्र और दलित समाज की गरिमा पर हमला है।” उन्होंने आरोप लगाया कि “दक्षिणपंथी ट्रोल्स उस वकील को हीरो बनाने की कोशिश कर रहे हैं और CJI को निशाना बना रहे हैं।”

वीडियो के साथ भारद्वाज ने लिखा, “जूता फेंकने वाले को पुलिस ने छोड़ दिया। सोशल मीडिया पर नाथूराम गोडसे के समर्थक इसे उत्सव की तरह मना रहे हैं। सभी जजों को दी जा रही खुली धमकियां यह दर्शाती हैं कि न्यायपालिका पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।”

भारद्वाज ने आगे भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि “इस सनातन धर्म के अपमान पर पूरी भाजपा चुप है। क्या सवर्ण और दलित के लिए अपमान के अलग मापदंड हैं?” उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया कि “प्रधानमंत्री की फोटो को मां दुर्गा के साथ लगाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन किसी भाजपा नेता को इसमें अपमान नहीं दिख रहा।”

वहीं AAP प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पोस्ट में लिखा — “CJI बी.आर. गवई पर जूता फेंकना सिर्फ एक न्यायाधीश पर हमला नहीं, बल्कि भारत की आत्मा पर हमला है। यह देश की न्यायपालिका को डराने की कोशिश है। दलित बेटा मेहनत से सर्वोच्च पद तक पहुंचा, यह कुछ लोगों को बर्दाश्त नहीं। देश ऐसी राजनीति और गुंडागर्दी को कभी स्वीकार नहीं करेगा।”

वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जा रही है। प्रशासन ने साफ किया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल को और कड़ा किया जाएगा। यह घटना न केवल न्यायपालिका की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि देश के संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के प्रति सभी दलों की संवेदनशीलता की भी परीक्षा ले रही है।

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