Faridabad Explosive Case: हरियाणा के फरीदाबाद जिले में सुरक्षा एजेंसियों को तबाही का एक और बड़ा ज़खीरा मिला है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और फरीदाबाद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के तहत, फरीदाबाद के फतेहपुर तगा गांव से लगभग 2563 किलो संदिग्ध विस्फोटक बरामद किया गया है। यह बारूद का ज़खीरा इतना बड़ा है कि इसे भरने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को ट्रक मंगवाना पड़ा है। पुलिस की शुरुआती जाँच में यह संदिग्ध विस्फोटक अमोनियम नाइट्रेट लग रहा है।
सुबह से ही इलाके में फरीदाबाद पुलिस और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त रेड जारी थी। इससे पहले भी धौज इलाके से 360 किलो विस्फोटक, 20 टाइमर, वॉकी-टॉकी और असॉल्ट राइफलें बरामद की गई थीं। अब फतेहपुर तगा गांव में हुई बरामदगी से यह मामला और गंभीर हो गया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मुजम्मिल शकील, जो अल फलह यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर था, ने यह घर मौलाना इस्ताक से किराये पर लिया था। मौलाना को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि मुजम्मिल ने धौज में भी किराये पर कमरा लिया था, जहां से पहले विस्फोटक मिला था।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर और हरियाणा पुलिस ने दो डॉक्टरों — आदिल अहमद राठर और मुजम्मिल शकील — को गिरफ्तार किया था। आदिल अहमद, जो अनंतनाग के सरकारी अस्पताल में सीनियर डॉक्टर है, को सहारनपुर से 6 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। आदिल के सुराग पर ही मुजम्मिल को पकड़ा गया और उसके खुलासे के बाद यह विस्फोटक बरामद किया गया।
जांच में सामने आया है कि यह दोनों आरोपी जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन से सहानुभूति रखते थे। आदिल पर संगठन के समर्थन में पोस्टर लगाने का आरोप है, जिसके बाद एजेंसियां सतर्क हो गईं और धीरे-धीरे इस बड़ी आतंकी साजिश का पर्दाफाश हुआ।
फतेहपुर तगा गांव में मिला यह विस्फोटक पूरे शहर को दहला देने के लिए पर्याप्त बताया जा रहा है। फिलहाल एनआईए और एटीएस टीमें इस मामले में शामिल हो चुकी हैं। पुलिस का मानना है कि बरामद बारूद का इस्तेमाल किसी बड़े आतंकी हमले की तैयारी के लिए किया जा सकता था।
जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि यह विस्फोटक कहां से आया, इसे किसने सप्लाई किया और इसका अंतिम लक्ष्य क्या था। पुलिस को शक है कि यह मामला केवल हरियाणा या दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं, बल्कि एक बड़े आतंकी नेटवर्क से जुड़ा हो सकता है।
