राष्ट्रीय एकता दिवस पर अमित शाह ने कहा – मोदी ने धारा 370 हटाकर पटेल का अधूरा सपना किया पूरा

गृह मंत्री ने कहा कि सरदार पटेल के अधूरे कार्य को प्रधानमंत्री मोदी ने धारा 370 हटाकर पूरा किया और कश्मीर को पूर्ण रूप से भारत का हिस्सा बनाया। उन्होंने बताया कि आज़ादी के समय जब सभी नेता तिरंगा फहरा रहे थे, तब सरदार पटेल लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना की तैनाती पर नजर रख रहे थे ताकि वह भारत का अभिन्न हिस्सा बने।

Amit Shah on Rashtriya Ekta Diwas: Abrogation of Article 370 is PM Modi Fulfilling Sardar Patel's Dream
Amit Shah on Rashtriya Ekta Diwas: Abrogation of Article 370 is PM Modi Fulfilling Sardar Patel's Dream

नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज राष्ट्रीय एकता दिवस-2025 के अवसर पर नई दिल्ली में ‘एकता दौड़’ (Run for Unity) को हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित जनसमूह को राष्ट्रीय एकता की शपथ भी दिलाई।

इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल, डॉ. मनसुख मांडविया, दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और गृह राज्यमंत्री बंडी संजय कुमार सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

अमित शाह ने कहा कि यह दिन देश के लिए अत्यंत विशेष है। उन्होंने बताया कि 2014 से हर वर्ष 31 अक्टूबर को लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के सम्मान में ‘एकता दौड़’ का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष सरदार पटेल की 150वीं जयंती को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देशभर में एक विशेष आयोजन के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।

अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि आज़ादी के आंदोलन से लेकर आज़ादी के बाद भारत के निर्माण तक में सरदार पटेल की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। उन्होंने याद दिलाया कि सरदार पटेल ने अपनी वकालत छोड़कर गांधीजी के आह्वान पर स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। 1928 के बारदोली सत्याग्रह में उनके नेतृत्व में किसानों ने अंग्रेज़ों को झुकने पर मजबूर किया, और यहीं से उन्हें ‘सरदार’ की उपाधि मिली।

शाह ने बताया कि आज़ादी के बाद जब भारत 562 रियासतों में बंटा था, तब सरदार पटेल ने अपनी अदम्य इच्छाशक्ति और कूटनीति से सभी रियासतों को एकजुट कर अखंड भारत का निर्माण किया। उन्होंने कहा कि काठियावाड़, भोपाल, जूनागढ़, त्रावणकोर और हैदराबाद जैसी रियासतों को भारत में शामिल करना सरदार पटेल की लौह दृढ़ता का परिणाम था।

गृह मंत्री ने कहा कि सरदार पटेल के अधूरे कार्य को प्रधानमंत्री मोदी ने धारा 370 हटाकर पूरा किया और कश्मीर को पूर्ण रूप से भारत का हिस्सा बनाया। उन्होंने बताया कि आज़ादी के समय जब सभी नेता तिरंगा फहरा रहे थे, तब सरदार पटेल लक्षद्वीप में भारतीय नौसेना की तैनाती पर नजर रख रहे थे ताकि वह भारत का अभिन्न हिस्सा बने।

अमित शाह ने कहा कि स्वतंत्र भारत की शुरुआती सरकारों ने सरदार पटेल को उनके योगदान के अनुरूप सम्मान नहीं दिया, उन्हें भारत रत्न देने में 41 वर्ष लग गए। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए सरदार साहब की याद में ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण कराया — जो आज विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा के रूप में भारत की एकता का प्रतीक है।

उन्होंने बताया कि यह प्रतिमा 182 मीटर ऊंची है, जिसमें लगभग 25 हज़ार टन किसानों के औज़ारों से प्राप्त लोहा, 90 हज़ार घनमीटर कंक्रीट और 1700 टन कांसा लगा है। अब तक करीब ढाई करोड़ लोग इस स्मारक को देख चुके हैं।

शाह ने कहा कि सरदार पटेल ने भारत को एकता, अखंडता और आंतरिक सुरक्षा का जो मार्ग दिखाया, उसी दिशा में देश आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि केवडिया में आयोजित भव्य परेड के माध्यम से सभी राज्यों की पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र बलों ने सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी।

गृह मंत्री ने घोषणा की कि 150वीं जयंती के बाद हर वर्ष इस तरह की एकता परेड का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की एकता दौड़ और शपथ कार्यक्रम विशेष रूप से युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। सरदार पटेल के विचारों को कश्मीर से कन्याकुमारी और द्वारका से कामाख्या तक फैलाने के लिए विशेष आयोजन किए जा रहे हैं।

अमित शाह ने अंत में कहा कि देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने का संकल्प लेने वाले ये युवा ही आने वाले मजबूत, आत्मनिर्भर और एकजुट भारत का निर्माण करेंगे।

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